Kolkata Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है. इस जघन्य घटना के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस घटना के विरोध में अस्पताल में तोड़फोड़ की गई, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए. इस हिंसक घटना को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (FORDA) ने फिर से हड़ताल करने का ऐलान किया है.
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FORDA का आरोप: सरकार सुरक्षा देने में नाकाम
बताते चले कि FORDA ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वे चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने में असफल रहे हैं. एसोसिएशन ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई हिंसा ने यह साबित कर दिया है कि सरकारें समय पर सुरक्षा देने में नाकाम रही हैं. इससे पहले, मंगलवार, 13 अगस्त 2024 को, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. लेकिन अस्पताल में हुई ताजा हिंसा के बाद FORDA ने हड़ताल फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई थी बैठक
मंगलवार को हुई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने डॉक्टर्स को आश्वासन दिया था कि उनकी सुरक्षा की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा. FORDA के अध्यक्ष अविरल माथुर ने इस बारे में कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर्स के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने का भरोसा दिलाया था. हालांकि, अस्पताल में हुई ताजा हिंसा और सरकार की ओर से सुरक्षा के लिए किए गए वादों का समय पर पालन न होने के कारण FORDA ने फिर से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
अस्पताल में तोड़फोड़ और उपद्रव
बुधवार की रात, बदमाशों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक हिस्से में भारी तोड़फोड़ की. उपद्रवी लाठियां, ईंटें और लोहे की छड़ें लेकर आए और जो कुछ भी उनके हाथ में आया, उसे नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा, अस्पताल के आसपास के कई सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए गए। इस हिंसा से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
चिकित्सकों के लिए सुरक्षित माहौल की मांग
FORDA ने अपने बयान में कहा है कि इस दुखद घटना के बाद, जब सरकार समय पर अपने वादों को पूरा नहीं कर पाई, तो हमें फिर से हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सरकार से चिकित्सा कर्मियों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की मांग की है.
हड़ताल का प्रभाव
आपको बता दे कि हड़ताल के कारण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ सकता है, जिससे मरीजों को असुविधा हो सकती है. सरकार पर इस बार दबाव बढ़ गया है कि वह चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए और इस प्रकार की घटनाओं को दोबारा होने से रोके. इस घटना ने एक बार फिर से चिकित्सकों की सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है, और यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है.
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