UP News: उत्तर प्रदेश और बिहार में लगातार भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ के हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी अपने रौद्र रूप में नजर आ रही है, जबकि बिहार के कई जिलों में गंगा समेत अन्य नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। इस बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, कई गांवों का संपर्क टूट चुका है, और लोग राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं।
कई जिलों में बाढ़ के हालात
उत्तर प्रदेश के करीब 24 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। इनमें लखीमपुर, सीतापुर, गोंडा, अयोध्या, मीरजापुर, वाराणसी, प्रयागराज और संत कबीर नगर समेत कई जिले शामिल हैं। इन जिलों में गंगा, सरयू और कर्मनाशा नदियां उफान पर हैं, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। विशेष रूप से वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी के बिंदु से ऊपर पहुंच चुका है। यहां गंगा नदी खतरे के निशान से केवल 73 सेमी दूर है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुस गया है। कई परिवारों को अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में जाना पड़ा है।
मिर्जापुर और प्रयागराज में भी गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है। प्रयागराज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंच गया है, और कछार के इलाकों में बाढ़ के कारण घरों में पानी भर गया है। हजारों घर इस बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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अवध के जिलों में बाढ़ का कहर
उत्तर प्रदेश में गंगा के साथ-साथ सरयू नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या, बस्ती और गोण्डा जैसे जिलों में सरयू नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। अयोध्या के पास सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर पहुंच चुका है, जिससे बस्ती और गोण्डा जिले के कई गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की वजह से लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
बिहार में बाढ़ का भयानक प्रकोप
बिहार में भी गंगा के साथ-साथ सोन, पुनपुन, गंडक और फल्गू जैसी नदियां उफान पर हैं। पटना, छपरा, बलिया और समस्तीपुर समेत कई जिलों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। मनेर से मोकामा तक करीब आठ प्रखंडों के 20 पंचायत बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। अनुमान है कि इस बाढ़ से एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं।
पटना के सभी घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। राजधानी के कई इलाकों में पानी भर गया है, और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। छपरा और बलिया के बीच मुख्य सड़क पानी में बह गई है, जिससे दोनों राज्यों का संपर्क टूट गया है।
दानापुर से छपरा तक बाढ़ की चपेट में कई इलाके
दानापुर के नासरीगंज से लेकर गायघाट तक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सोन नदी कोइलवर में और पुनपुन नदी श्रीपालपुर में उफान पर हैं, जिससे आसपास के इलाकों में पानी भर गया है। सारण जिले के सात प्रखंडों के 32 पंचायत बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बिहार के समस्तीपुर, मुंगेर, अरवल, वैशाली, बेगूसराय और रोहतास जिलों में भी बाढ़ का प्रकोप जारी है। लोगों को राहत शिविरों में शरण लेना पड़ रहा है, और प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग इस समय बाढ़ की विकराल चुनौती से जूझ रहे हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो रही है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी हैं, लेकिन प्रभावित इलाकों में पानी उतरने में अभी वक्त लगेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश का सिलसिला कुछ दिनों तक और जारी रह सकता है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं।