Parliament Budget Session: संसद के बजट सत्र (Budget Session) में सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मंगलवार को लोकसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी सांसद और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन झारखंड के हजारीबाग से सांसद मनीष जायसवाल के एक कथन ने हंगामा और बढ़ा दिया.
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कुसुम योजना पर चर्चा
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) केंद्र की कुसुम योजना से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे. इस बीच बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल (Manish Jaiswal) ने योजना के लिए आभार व्यक्त किया और कुछ सुझाव दिए. उन्होंने कहा, “कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री का बहुत आभार व्यक्त करता हूं, जो कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर योजना (Agriculture Infrastructure Scheme) के तहत किसानों को राहत दी है. लेकिन मेरे कुछ सुझाव हैं. आपके माध्यम से मैं माननीय मंत्री जी तक कुछ सुझाव पहुंचाना चाहता हूं कि कुछ चुनिंदा जगहों जैसे हमारे झारखंड में टमाटर की बहुत खेती है.”
विपक्षी सांसदों ने कुछ टिप्पणी की
बीजेपी सांसद अपनी बात रख ही रहे थे कि विपक्षी सांसदों ने कुछ टिप्पणी की, जिस पर सत्ताधारी सांसद ने उन्हें याद दिलाया, “किसानों के बारे में बात कर रहे हैं. थोड़ा सम्मान कीजिए अन्नदाता का…” इस टिप्पणी के बाद सदन में शोर बढ़ गया.
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स्पीकर ओम बिरला का हस्तक्षेप
स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने सदन को शांत करने की कोशिश की और कहा, “कोई भी बैठे-बैठे टिप्पणी कर रहा है, तो उसका जवाब मत दीजिए. कुछ लोगों की आदत है। उनकी आदत में सुधार नहीं हो सकता.” इस पर मनीष जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा, “ऐसे लोगों को हमारे यहां ‘थेथर’ कहा जाता है.”
कृषि मंत्री का जवाब
बीजेपी सांसद के इस कथन पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई, लेकिन मनीष जायसवाल (Manish Jaiswal) ने अपनी बात जारी रखी. उन्होंने कहा, “हमारे यहां झारखंड और खासकर हजारीबाग में टमाटर और धनिया की खेती बहुतायत में होती है. अब टमाटर की सेल्फ लाइफ बहुत कम है. ऐसे में अगर छोटे किसानों को छोटे कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मिल जाए तो किसानों को बहुत फायदा होगा.”
सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र की योजना के अंतर्गत निजी निवेशक, किसानों का समूह या स्वयंसहायता समूह भी कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कर सकता है. हालांकि, एक छोटे किसान अपने स्तर पर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करना चाहे तो उसे इतना लाभ नहीं होगा. इस प्रकार, लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस और हंगामे का माहौल बना रहा. स्पीकर ओम बिरला ने शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन मनीष जायसवाल की टिप्पणी ने विवाद को और बढ़ा दिया.
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