Punjab: पंजाब , राजस्थान , हरियाणा , हिमांचल प्रदेश व अन्य उत्तर प्रदेश के राज्यों के बाढ़ की वजह से हुए फसलों व पशुधन के नुकसान की भरपाई और बाढ़ की वजह से मारे गए लोगों के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के नेतृत्व में 16 यूनियनों के किसान नेताओं (Farmer Leaders) को सोमवार सुबह चंडीगढ प्रर्दशन करने के लिए कूच भर रहे थे।
प्रर्दशन कारियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों से प्रर्दशन करियों को गिरफ्तार किया गया है। वे बाढ़ प्रभावित किसानों (Flood-Affected Farmers) को मुआवजा नहीं मिलने के खिलाफ 22 अगस्त से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन (Protest) करने की योजना बना रहे थे। रविवार रात तक पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के बीच बातचीत विफल रहने के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है। 21 अगस्त की सुबह से इन नेताओं को निवारक गिरफ्तारी (Preventive Arrest) के तहत रखा जा रहा है।
सुनाम के कस्बे लोंगोवाल में सोमवार सुबह से ही संगठनों और पुलिस के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। नामोल और मेदेवास में भी पुलिस ने किसान नेताओं को चंडीगढ़ जाने से रोकने के लिए नाकेबंदी की। पुलिस से बचकर निकले भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद के नेता जसवीर सिंह मदेवास और हैप्पी नमोल ने कहा कि भगवंत मान सरकार चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने से रोकने के लिए किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
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20 हजार करोड़ से ज्यादा हुआ नुकसान
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तराखंड सहित उत्तरी राज्यों के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर 16 किसान यूनियनों ने 22 अगस्त को चंडीगढ़ का घेराव करने का फैसला किया है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा कि अचानक आई बाढ़ के कारण खेतों और गांवों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई केंद्र को तुरंत करनी चाहिए। किसान बाढ़ से तबाह हुई फसलो और पशुधन के नुकसान की भरपाई को लेकर सरकार से मुआवजा की मांग कर रही है।