- कैसे हो पढ़ाई पहले करनी है लिपाई
- स्कूल समय में पढ़ाई की जगह शिक्षिका कर रही बच्चियों से लिपाई कार्य
- स्कूल में पदस्थ नहीं है चपरासी तो बच्चियों से कराया कार्य : शिक्षिका रामकली झारिया
UPNews : जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित एकीकृत प्राथमिक शाला खजरी माल मैं स्कूल में पदस्थ शिक्षिका के द्वारा बड़ी लापरवाही बर्ती गई है यहां शिक्षिका ने तीसरी चौथी एवं पांचवी कक्षा में अध्यनरत छात्राओं से विद्यालय के सामने खाली स्थान पर गोबर की लिपाई के कार्य में नियुक्त कर दिया जिस समय स्कूल संचालन होना चाहिए इन बच्चियों को पढ़ाई करनी चाहिए उसे दौरान इन मासूम बच्चियों से लिपाई पुताई का कार्य शिक्षिका के द्वारा पूर्ण कराया जा रहा था जबकि एकीकृत प्राथमिक शाला खजरी माल डिंडोरी अमरपुर मुख्य मार्ग के बीच स्थित है और इस मार्ग से हर दिन प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता है।
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“स्कूल में पदस्थ शिक्षा का के द्वारा उन्हें लिपाई के कार्य के लिए कहा गया”
जिसका भय भी शिक्षिका को नहीं रहा और उसने अपना आदेश नन्ही बच्चियों को सुनते हुए पुताई लिपाई का कार्य करने के लिए निर्देशित कर दिया अध्ययन करने स्कूल पहुंची छात्राओं ने शिक्षा का के द्वारा सुनाए गए फरमान को पूर्ण करने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ गोबर लेने के लिए दूसरे स्थान पर निकल गई और बच्चियों गोबर लेकर स्कूल भवन पहुंची जिसके बाद इन नन्हीं मासूम बच्चियों के द्वारा गोबर की लिपाई का कार्य आरंभ कर दिया गया बच्चियों के द्वारा बतलाया गया कि उनकी परीक्षाएं छः मार्च से आरंभ होने वाली हैं लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षा का के द्वारा उन्हें लिपाई के कार्य के लिए कहा गया है।
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बच्चियों से गोबर की लिपाई कार्य में नियुक्त कर दिया
जिसे उनके द्वारा किया जा रहा है बतला दें कि पूर्व में भी स्कूल प्रबंधन के द्वारा बच्चियों से लंबी दूरी तय कर पानी भरवाने का कार्य पूर्व में किया गया था जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा संज्ञान न लेने के चलते शिक्षिका के हौसले बुलंद हो गए और उसने स्कूल पढ़ाई करने पहुंची बच्चियों से गोबर की लिपाई कार्य में नियुक्त कर दिया।
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6 मार्च से आरंभ है पांचवी आठवीं की परीक्षाएं
सवाल यह है कि शिक्षिका रामकली झारिया को जानकारी नहीं है कि पांचवी कक्षा में अध्यनरत इन छात्रों की परीक्षाएं किस दिनांक से आरंभ हो रही है जहां इन बच्चियों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर इन मासूम बच्चियों से इस प्रकार से कार्य एक जिम्मेदार शिक्षिका के द्वारा लिया जाना कितना उचित है निश्चित ही शिक्षिका रामकली झारिया के द्वारा बच्चियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है जो की बड़ी घटना है ।
अगर इन मासूम बच्चियों में से परीक्षा परिणाम बच्चियों के अनुरूप नहीं आता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा क्या शिक्षिका के द्वारा अपने बच्चों के साथ भी परीक्षा अवधि समीप होने के दौरान इसी प्रकार से कार्य लिया जाता है या ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय स्कूलों में अध्यनरत इन बच्चों के साथ ही ऐसा व्यवहार शिक्षिका के द्वारा किया जा रहा है जबकि पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं 6 मार्च से प्रारंभ हो रही हैं।
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बचाव में शिक्षिका की दलील स्कूल में नहीं है चपरासी
एकीकृत प्राथमिक शाला खजरी माल में पदस्थ शिक्षिका रामकली झारिया के द्वारा बतलाया गया कि उनके स्कूल में चपरासी पदस्थ नहीं है बच्चियां स्कूल में साफ सफाई का कार्य कर रही है मेरे द्वारा उनसे कहा गया था कि थोड़ा सा खुद गया है इसके बाद बच्चियों ने साफ सफाई शुरू कर दी इस साफ सफाई में कोई बुराई नहीं है सवाल यह है कि अगर स्कूल में चपरासी पदस्थ नहीं है तो क्या इन बच्चियों से इस प्रकार से कार्य जिम्मेदार ले सकते हैं ।
इन स्कूली बच्चों के अभिभावक बच्चे बच्चियों को स्कूल में पढ़ने के लिए पहुंचाते हैं लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षिका के द्वारा पढ़ाई के स्थान पर इसे चपरासियों के द्वारा किए जाने वाले कार्य को कराया जा रहा है जो बेहद ही निंदनीय है क्योंकि मासूम बच्चियों की परीक्षाएं दो दिवस के बाद शुरू होने जा रही है बावजूद इसके पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित न करने के आवाज में स्कूल कार्य शिक्षिका के द्वारा इन बच्चियों से कराया जा रहा है।