- कर्मचारियों के जीपीएफ बचत की अधिकतम सीमा पांच लाख करने की निंदा
- जीपीएफ बचत की सीमा पांच लाख तक निर्धारित किए जाने से कर्मचारी आक्रोशित
लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा व महासचिव प्रेमचंद्र ने सरकार द्वारा सामान्य भविष्य निधि में बचत की अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये सालाना निर्धारित करने की निंदा की है, कहा है कि कर्मचारियों की सुविधाओं को लगातार बंद कर रही भारत सरकार ने शादी, बीमारी, बच्चों की पढ़ाई के उपयोग में लाई जाने वाली जीपीएफ बचत में भी कटौती करने का काम किया हैं।
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पदोन्नति नहीं मिलने से देशभर के कर्मचारी दुखी
वीपी मिश्रा ने कहा है कि पुरानी पेंशन की बहाली महंगाई भत्ते की काटी गई चार किस्तों की बहाली, सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों में से कई सुविधाएं बंद करने के साथ ही समय से पदोन्नति नहीं मिलने से देशभर के कर्मचारी दुखी थे। जीपीएफ बचत की सीमा पांच लाख तक निर्धारित किए जाने से कर्मचारी आक्रोशित हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा है कि सरकार निजीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है और धीरे-धीरे तमाम विभाग समाप्त करके निजी संस्थानों पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी कर रही है। वीपी मिश्र ने बताया है कि इस पर के लिए इप्सैफ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक दिल्ली में बुलाई गई है, उन्होंने कहा है कि इप्सेस कर्मचारी मुद्दों पर पीएम से समय मांगकर उनके सामने सभी तथ्यों को रखेगा।