Delhi Liquor Scam : दिल्ली के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई की है.जांच एजेंसी ने दिल्ली. के मुख्यीमंत्री अरविंद केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है.ईडी दिल्लीी सरकारी की आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है जिसको लेकर केजरीवाल को इससे पहले 6 बार ईडी की ओर से समन भेजा जा चुका है लेकिन पूछताछ के लिए वो ईडी के सामने अब तक नहीं पहुंचे हैं।ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर सीएम केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है.इस मामले में दिल्लीं के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद रह चुके संजय सिंह जांच एजेंसी की हिरासत में पहले से हैं।
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क्या है शराब नीति?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी.इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खोली जानी थी.इस तरह से पूरे दिल्ली में कुल 849 दुकानें खुलनी थी.नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया.इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थी.नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत दुकानें प्राइवेट हो गई.इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया था कि,इससे 3,500 करोड़ रुपये का सरकार को फायदा होगा।दिल्ली सरकार ने आबकारी लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी है.जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख रुपये देना पड़ता था,नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपये चुकाने पड़े.इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
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बड़े वर्गों को पहुंचाया लाभ
शराब ब्रिकी के लिए ठेकेदारों को लाइसेंस लेना पड़ता है.इसके लिए सरकार ने लाइसेंस शुल्क तय किया है.सरकार ने कई तरह की कैटेगिरी बनाई है.इसके तहत शराब,बीयर,विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है।उदाहरण के तौर पर देखें तो पहले जिस लाइसेंस के लिए ठेकेदार को 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता था,
नई शराब नीति लागू होने के बाद उसी के लिए 5 करोड़ रुपये देने पड़े।आरोप है कि,दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया.इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गई और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला.विपक्ष का आरोप ये भी है कि,इसके बदले में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।
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खुदरा बिक्री में भी भारी कमी
केजरीवाल सरकार पर दूसरा आरोप शराब की बिक्री को लेकर है.मान लीजिए पहले अगर 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपये में मिलती थी तब इस एक बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपये का मुनाफा होता था,जबकि 223.89 रुपये उत्पाद कर और 106 रुपये वैट के रूप में सरकार को मिलता था। मतलब एक बोतल पर सरकार को 329.89 रुपये का फायदा मिलता था.नई शराब नीति से सरकार के इसी मुनाफे में खेल होने दावा किया जा रहा है।
दावा है कि,नई शराब नीति में वही 750 एमएल वाली शराब की बोतल का दाम 530 रुपये से बढ़कर 560 रुपये हो गया.इसके अलावा रिटेल कारोबारी का मुनाफा भी 33.35 रुपये से बढ़कर सीधे 363.27 रुपये पहुंच गया.मतलब रिटेल कारोबारियों का फायदा 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ गया.वहीं,सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपये का फायदा घटकर 3 रुपये 78 पैसे रह गया.इसमें 1.88 रुपये उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपये वैट शामिल है।
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अभी तक इतनों की हो चुकी है गिरफ्तारी
आबकारी नीति में दिल्ली सरकार में अब तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के अलावा विजय नायर,अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा जैसे 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है.सीबीआई और ईडी अब तक 15 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.इसमें संजय सिंह,मनीष सिसोदिया,विजय नायर,समीर महेंद्रू,अरुण रामचंद्रन,राजेश जोशी,गोरन्तला बुचिबाबू,अमित अरोड़ा,बेनॉय बाबू,पी सरथ चंद्र रेड्डी,अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर,व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं।वहीं इस मामले में जांच एजेंसियां अब तक 80 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है.इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के.कविता का नाम भी शामिल है.कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी हैं।
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आखिर क्यों नही पेश हो रहे केजरीवाल?
दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बार-बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है,लेकिन केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी के सामने अब तक पेश नहीं हुए हैं.छठवें समन पर भी सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं जिसके बाद ईडी ने आज उन्हें सातवां समन भेजा है।ईडी की ओर से समन भेजे जाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल हर बार ये कहते सुनाई देते हैं कि,ईडी का समन गैरकानूनी है और ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है।केजरीवाल ने कहा कि,ईडी इसे लेकर ख़ुद कोर्ट गई है और अब उन्हें बार-बार समन भेजने की बजाय कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करना चाहिए।
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ED ने भी समन भेजे जाने की वजह बताई
बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल के ना पेश होने पर ईडी ने सवाल उठाए हैं.ईडी का कहना है कि,सीएम केजरीवाल के तीन समन पर न आने के बाद आईपीसी की धारा 174 का मामला बनता था,जिसे लेकर ईडी ने स्पेशल कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी।कोर्ट ने भी इस पर संज्ञान लिया था.ईडी के अधिकारी ने ये भी दावा किया है कि,कोर्ट में गया मामला ईडी द्वारा जारी समन की वैधता को लेकर नहीं है,बल्कि समन की जानबूझकर अवेलहना को लेकर है।ईडी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते हैं और इसके लिए उल्टे-सीधे बहाने बनाते हैं।