Earthquake in Delhi: गुरुवार सुबह अफगानिस्तान में आए भूकंप के तगड़े झटकों ने दिल्ली और एनसीआर में भी दहशत फैला दी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई, जिसका असर दिल्ली (Delhi) तक महसूस किया गया। यह भूकंप काबुल के करीब आया और 255 किमी की गहराई में दर्ज किया गया। स्थानीय समय के अनुसार, भूकंप 11 बजकर 26 मिनट पर आया था, और इसके झटके इतनी दूर तक महसूस किए गए कि दिल्ली के लोग भी प्रभावित हुए।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का असर
इस भूकंप का असर दिल्ली में भी देखने को मिला। अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटकों के कारण दिल्ली और एनसीआर में लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल पड़े। इस दौरान कई लोग सड़कों पर नजर आए और सुरक्षा के उपायों की चिंता करने लगे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई, और इसके कारण इलाके में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा।
पिछले हाड़ते भी आया था भूकंप
यह भूकंप अफगानिस्तान में दो हफ्ते पहले आए भूकंप के बाद हुआ है, जिसकी तीव्रता 4.8 थी। हालांकि उस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था। हाल ही में उज्बेकिस्तान के ताशकंद में भी 7.1 तीव्रता के भूकंप ने धरती को हिला दिया था। इस तरह के घटनाक्रम भूकंप के जोखिम वाले क्षेत्रों में आम बात हैं और विशेषज्ञों के अनुसार, इनसे निपटने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।
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एक बार पहले भी तबाही मचा चूका है भूकंप
2023 में अफगानिस्तान में आए भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई थी। उस भूकंप में लगभग 4,000 लोगों की जान चली गई थी और 9,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। 13,000 घरों को भी नुकसान पहुंचा था। भूकंप की तीव्रता उस बार 6.3 मापी गई थी। इस घटना ने क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है। सिर्फ इतना ही नहीं इससे पहले बीते बुधवार को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में भी भूकंप के चलते धरती कंपने लगी थी। रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गयी थी।
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भूकंप के दौरान सुरक्षा उपाय
भूकंप के दौरान सुरक्षा के उपाय बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हों, तुरंत किसी मजबूत फर्नीचर जैसे मेज या बेड के नीचे छिप जाना चाहिए। घर के बाहर होने पर खुली जगह पर जाना ज्यादा सुरक्षित होता है, जहां आसपास कोई इमारत या पेड़ न हो। खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये टूट सकते हैं और चोट पहुंचा सकते हैं। एलिवेटर का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है, और गैस और बिजली की लाइनों को बंद करने की कोशिश करनी चाहिए। भूकंप जैसी आपातकालीन स्थितियों में सही जानकारी और त्वरित प्रतिक्रिया जीवन रक्षक साबित हो सकती है। दिल्ली और एनसीआर में भले ही बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भूकंप की प्रकृति के प्रति सतर्क रहना और सुरक्षा के उपायों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है।