Earthquake Detection:हाल ही में पश्चिमी नेपाल में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया। भूकंप की तीव्रता 5.2 और 5.5 दर्ज की गई थी। पहला झटका राच 8.07 मिनट पर और दूसरा झटका 8.10 मिनट पर आया। हालांकि, भूकंप से किसी प्रकार के हताहत होने की खबर नहीं आई, लेकिन नेपाल के साथ उत्तर भारत में भी लोग भूकंप के झटकों से भयभीत हो गए थे। लखनऊ, लद्दाख, पिथौरागढ़ और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में लोग भूकंप के कारण डर के साये में थे।इस तरह के भूकंपों से निपटने के लिए कुछ देशों में एक सिस्टम है, जो भूकंप आने से पहले ही कुछ सेकंड पहले अलर्ट जारी कर देता है। आइए जानते हैं कि वह कौन से देश हैं और यह सिस्टम कैसे काम करता है।
Read more:SRH vs GT: सनराइजर्स हैदराबाद को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वापसी की उम्मीद, किसका पलड़ा भारी ?
भूकंप का अलर्ट 60 सेकंड पहले
जापान और केलिफोर्निया जैसे भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में विशेष भूकंप अलर्ट सिस्टम मौजूद है, जो भूकंप के आने से 60 सेकंड पहले लोगों को सचेत कर देता है। ये सिस्टम भूकंप के सेंटर से निकलने वाली पी-वेव्स (P-waves) का पता लगाकर काम करते हैं। पी-वेव्स, एस-वेव्स (S-waves) से पहले पहुंचती हैं और इनसे भूकंप के झटकों की तीव्रता और नुकसान का अनुमान लगाना संभव होता है। इस अलर्ट सिस्टम के जरिए लोगों को पहले से ही सूचित किया जाता है, जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए तैयार हो जाते हैं।
जापान और केलिफोर्निया
जापान और केलिफोर्निया दोनों ही ऐसे भूकंप प्रभावित क्षेत्र हैं, जहां अक्सर भूकंप के तेज झटके महसूस होते हैं। यहां भूकंप का अलर्ट जारी करने वाली प्रणाली को अत्याधुनिक सेंसर और तकनीकी उपकरणों का सहारा लिया जाता है। ये सेंसर भूकंप के पहले झटके के बाद तुरंत सक्रिय हो जाते हैं और एक सटीक अलर्ट जारी करते हैं। यह अलर्ट लोगों को भूकंप आने से पहले बचने का समय प्रदान करता है।
Read more:SRH vs GT: सनराइजर्स हैदराबाद को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वापसी की उम्मीद, किसका पलड़ा भारी ?
जापान में बढ़ी भूकंप की चेतावनी
हाल ही में जापान की सरकार ने एक चेतावनी जारी की थी कि प्रशांत महासागर के तट के पास एक भीषण भूकंप आ सकता है, जिससे सुनामी का खतरा भी हो सकता है। जापान के अधिकारियों का कहना है कि यह भूकंप इतना शक्तिशाली हो सकता है कि इससे करीब तीन लाख लोगों की जान जा सकती है। ऐसे में भूकंप के पहले अलर्ट की प्रणाली यहां के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि यह समय रहते उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका देती है।
Read more:SRH vs GT: सनराइजर्स हैदराबाद को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वापसी की उम्मीद, किसका पलड़ा भारी ?
कैसे काम करता है अलार्म सिस्टम?
यह अलार्म सिस्टम भूकंप के केंद्र से निकलने वाली पी-वेव्स के आधार पर काम करता है। जब भूकंप के झटके का पहला संकेत मिलता है, तो यह सिस्टम तुरंत सक्रिय हो जाता है। पी-वेव्स एस-वेव्स से पहले पहुंचती हैं, और ये झटके बहुत तेज़ और विध्वंसक होते हैं। पी-वेव्स की मदद से यह सिस्टम भूकंप के समय के बारे में अनुमान लगाता है और तुरंत एक अलार्म भेजता है, जिससे लोग सुरक्षा उपायों को लागू कर सकते हैं।
Read more:SRH vs GT: सनराइजर्स हैदराबाद को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वापसी की उम्मीद, किसका पलड़ा भारी ?
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप की तबाही
हाल ही में म्यांमार और थाईलैंड में भी भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए, जिससे 2000 से अधिक लोग मारे गए। जबकि इन देशों में भूकंप के पूर्व अलर्ट सिस्टम की सुविधा नहीं है, ऐसे भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट सिस्टम की आवश्यकता और भी ज्यादा महसूस होती है। ऐसे हादसों से बचने के लिए भूकंप के आने से पहले चेतावनी प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।