चीफ ब्यूरो- Gaurav Srivastava…
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा जी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें गलत बिलिंग से लेकर खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने, जर्जर विद्युत तारों को रिप्लेस करने संबंधी कार्य शामिल हैं। बड़े पैमाने पर केंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम की मदद से भी प्रदेश में विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। बुधवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष के विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए इसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना भी साधा और कहा कि 2017 से पहले जहां महीनों में भी ट्रांसफॉर्मर नहीं बदले जाते थे, वहीं अब घंटों में ट्रांसफॉर्मर बदल दिए जाते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ये बबूल का पेड़ आपने ही लगाया है, इसे हम ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
उपभोक्ता खुद बना सकेंगे अपना बिल…
मीटर रीडर द्वारा गलत बिलिंग को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अगर किसी उपभोक्ता का बिल गलत आ रहा है तो हमने कई प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं, जहां वो अपनी शिकायत कर सकते हैं। वो बिलिंग काउंटर पर जाकर अपना बिल सुधार करवा सकता है, ऑनलाइन और एप के जरिए भी बिल सुधार की व्यवस्था है। इस पूरे दुष्चक्र से निकलने के लिए अभी कुछ दिन पहले ही हमने ट्रस्ट बिलिंग या सेल्फ बिलिंग की भी शुरुआत की है। इसका मतलब ये है कि हमारे विभाग की वेबसाइट या ऐप पर जाकर कोई उपभोक्ता अपना कनेक्शन नंबर डालकर अपने मीटर की रीडिंग डालता है तो उसका बिल उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हो जाएगा। अगले महीने से ये व्यवस्था चालू होने जा रही है। ये बात सच है कि सभी उपभोक्ता ऑनलाइन नहीं जा सकते, उसके लिए हमने दूसरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए एक अलग व्यवस्था दी है।
लापरवाही पर 2500 से ज्यादा मीटर रीडर्स की सेवाएं समाप्त…
उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) चल रही है। इसमें हमने छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को सरचार्ज पर 100 प्रतिशत तक की छूट दी है। मंगलवार शाम तक इस योजना के तहत 14 लाख लोगों ने योजना का लाभ लिया है। उसमें भी यदि कोई उपभोक्ता अपना बिल लेकर आता है जिससे वह संतुष्ट नहीं है तो उसके बिल को भी सुधारने का काम किया जा रहा है। जहां तक मीटर रीडर द्वारा गलत बिल बनाने की शिकायत है तो उसको लेकर भी हमने कार्यवाही की है। इसके तहत जहां भी मीटर रीडर की गलती या लापरवाही पाई जाती है उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए हमने 2508 मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
जल्द होगा 22339 मजरों का विद्युतीकरण…
प्रदेश में मजरों के विद्युतीकरण को लेकर पूछे गए एक सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 22339 मजरे विद्युतीकरण से बाकी हैं। कुछ में आंशिक विद्युतीकरण हुआ है, कुछ पूर्ण रूप से बाकी हैं। 2017 से पहले लगभग 1.5 लाख मजरे ऐसे बाकी थे, जिसमें से 1.21 लाख मजरों का विद्युतीकरण इस सरकार ने किया है। जो 22339 मजरे बाकी हैं, उन पर हमारा पूरा ध्यान है। भारत सरकार के विद्युत मंत्री से बातचीत की गई है और उन्होंने आरडीएसएस योजना के तहत इसका अनुमोदन भी कर दिया है। बहुत शीघ्र इन मजरों का विद्युतीकरण हो जाएगा।
करीब 2 लाख ट्रांसफॉर्मर बदले गए हैं…
ट्रांसफॉर्मर्स की गुणवत्ता को लेकर किए गए डॉ रागिनी के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक 1 लाख 89 हजार 803 ट्रांसफॉर्मर बदले गए हैं। जहां आवश्यकता पड़ती है वहां ट्रांसफॉर्मर को उच्चीकृत किया जाता है, ऐसे 7 हजार 400 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर हैं। साथ ही बिल्कुल नए ट्रांसफर भी लगाए गए हैं, ऐसे 1130 ट्रांसफॉर्मर है। जौनपुर में क्षतिग्रस्त परिवर्तकों की संख्या अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक 5759 ऐसे ट्रांसफॉर्मर बदले गए हैं। मछलीशहर में 1071 ट्रांसफॉर्मर बदले गए हैं। जौनपुर में 1170 छतिग्रस्त खंभों को बदला गया है तो मछलीशहर में 223 खंभे बदले गए हैं। 92 वर्कशॉप में ट्रांसफार्मर की मरम्मत और उनका उच्चीकरण किया जा रहा है। पहले जहां हफ्तों में भी ट्रांसफॉर्मर नहीं बदलते थे, अब घंटों में बदले जा रहे हैं।
एक बिल पर 7 बार भेजा जा रहा एसएमएस…
बकाया होने पर बिजली काटने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इस समय सिर्फ विद्युत बकाये के कारण बिजली काटने से मना किया गया है। बिल जमा करने के लिए हमने कई अभियान चलाए हैं। ऐसा ही एक अभियान है, फोन घुमाओ अभियान। फोन पर हम कई बार उपभोक्ताओं को उनके बकाये बिल की जानकारी देते रहते हैं। यही नहीं, टेक्नोलॉजी आधारित नई स्कीम के तहत हम एक बिल पर 7 बार एसएमएस भेज रहे हैं। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि बिल के लिए बिजली काटने की समस्या कम हुई है।
जर्जर तार एवं पुराने खंभे बदलने के लिए हज़ारों करोड़ रुपये की योजनाएँ चल रही हैं। उनका लाभ नीचे पहुँच रहा है। बिजली की आधारभूत संरचना में बदलाव आ रहा है।