Islamabad: कंगाल पाकिस्तान गधों का बेताज बादशाह बनता जा रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गधों के भरोसे चल रही है। ऐसा लगता है मानो पाकिस्तान की लंगड़ी हुकूमत की गाड़ी गधे खींच रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान ने चीन से गधों को लेकर एक नई डील की है। बता दें कि चीन ने पाकिस्तान सरकार के सामने डंकी फार्म बनाने का प्रस्ताव रखा है।
इस्लामाबाद में शनिवार को चीन के डेलिगेशन ने पाकिस्तान सरकार में मंत्री राणा तनवीर हुसैन के साथ बैठक की। चीन का कहना है कि पाकिस्तान में गधों का फार्म बनाया जाए क्योंकि वहां का माहौल गधों के लिए अच्छा है। वहीं मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने भी चीन के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद चीन को डंकी फार्म खोलने की अनुमति दी जाएगी। मंत्री राणा तनवीर हुसैन कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि चीन की कंपनियां ग्वादर एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन में डंकी फार्म बना सकती हैं।
पाकिस्तान के गधों से चीन करेगा कमाई
आपको बता दें कि चीन पाकिस्तान में गधा फार्म खोलकर कमाई करना चाहता है। चीन की कंपनी वहां गधे पालेगी व उनके मांस और खाल को निर्यात करेगी। मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने कहा कि इससे उनको वहां पर गधों को काटने और उनका मांस बाहर भेजने में आसानी होगी। पाकिस्तान से गधों का मांस चीन को ग्वादर पोर्ट के जरिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पाकिस्तान का निर्यात बढ़ेगा और चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
चीन को क्यों चाहिए पाकिस्तान के गधे?
पाकिस्तान गधों के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान में कुल गधों की संख्या 60 लाख से अधिक पहुंच गई है। पाकिस्तान में जहां गधों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है, वहीं चीन को और गधों की जरूरत है। बता दें कि e-Jiao नाम की एक दवा के लिए भी गधों का इस्तेमाल होता है। साथ ही पहाड़ी इलाकों में सामान ढोने के लिए भी गधों का इस्तेमाल किया जाता है।
पाकिस्तान हर साल चीन को करीब 5 लाख गधे बेचता है और एक गधे की कीमत 15-20 हजार रूपये होती है। चीन पहले अपने गधों का स्टॉक नाइजर और बुर्किना फासो से आयात करता था लेकिन इन दोनों देशों पर प्रतिबंध लगने के बाद चीन पाकिस्तान से गंधे मंगाता है।
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