LUCKNOW NEWS: उत्तर प्रदेश में अब आवारा कुत्तों के शवों को दफनाया नही जाएगा, ब्लकि शव को जलाया जाएगा। हाल ही कुछ दिन पहले गाजियाबाद में कुत्ते के काटने के डेढ़ महीने बाद एक बच्चे की मौत हो गई थी। आवारा कुत्तों के मरने पर प्रदेश की सड़को व झाडियों में कहीं भी फेंक दिए जाते थे। जिसके बाद उनके शव सड़ को चील कौवे व और जानवर नोंचकर खाते नजर आते है। जिसके बाद शव सड़ने से क्षेत्र में बीमारियां फैलाने की आशंका बनी रहती है।
लखनऊ में बनेगा विद्युत शव दाह गृह
जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कदम उठाया है। इसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ से की जा रही। लखनऊ में कुत्तों के लिए विद्युत शव दाह गृह बनाया जा रहा है। करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से आवारा कुत्तों के लिए विद्युत शव दाह गृह बनाया जा रहा है। इसमें एक साथ करीब 50 कुत्तों के शवों को डिस्पोज किया जा सकेगा।
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ नगर निगम में ही अकेले 8 जोन है। इसमें हर दिन करीब 100 कुत्तो के शवों को डिस्पोज किया जा सकेगा। यहां मरने वाले कुत्तों को उठाकर शिवरी प्लांट लेकर जाया जाता है। फिर वहां खाली जगह में गड्ढा खोदकर उन्हें दफनाया जाता है। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब नई व्यवस्था में इंसानिरेटर लगाने से यह विद्युत शव दाह गृह की तरह हो जाएगा।
50 कुत्तों को जलाया जा सकेगा एक साथ
प्रदेश में मरने वाले आवारा कुत्तो को दफनाने की जगह पर अब जलाया जाएगा। जिसके लिए सरकार ने विद्युत शव दाह गृह बनवा रही है। यह प्लांट सीएनजी गैस से चलेगा। और इसके साथ ही बिजली से भी इसको चलाया जा सकेगा। इसमें करीब 50 कुत्तों के शवों को एक साथ डिस्पोज किया जा सकेगा। इस प्लांट में पांच भट्टी लगाई जाएगी। हर भट्ठी की ट्रे में 10 मिनट तक कुत्तों के शव को रखा जा सकेगा। भट्टी मे शव रखने के बाद दो घंटे तक यह मशीन चलेगी। इसमें 50 कुत्तों का एक साथ अंतिम संस्कार कर सकेंगे। इससे कुत्तों की मौत पर उनका निरस्तीकरण अब कम समय में जल्द से जल्द किया जा सकेगा।
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आवारा कुत्तो के शव की समस्या का हल निकालेगी नगर निगम
प्रदेश में कुत्तो के शव को उठाने काम नगर निगम करती है। कभी – कभी नगर निगम की लापरवाही की वजह से शव सड़को पर पड़े-पड़े सड़ जाते है। जिसके बाद इलाकों में बीमारियां फैलान लगती है। मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी अभिनव वर्मा ने बताया कि यह प्लांट लगाने के लिए आवारा कुत्तों के शवों ले जाकर जो समस्या थी, वह अभ हल हो जाएगी। अभी तक कुत्ते के शवों को दफनाने के लिए जगह का ठीक तरह से इंतजाम नही था। सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को पारित करने के बाद इसे लगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में आवारा कुत्तो के मरने पर उनका निरस्तीकरण किया जा सकेगा। अब कम समय में जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सकेगा।