Rajasthan : राजस्थान के जयपुर में रोबोट के उपयोग से डॉक्टरों ने घुटने और हिप को बदलने का लाइव दिखाया। वहीं बता दे कि जयपुर से पहले दिल्ली और पुणे में घुटने की सर्जरी रोबोट से की जा चुका है। वहीं इस लाइव में देश और दुनिया के बड़ी संख्या में हड्डी रोग विशेषज्ञ मौजूद रहे। वहीं इसके साथ ही साथ यहां पर बड़ी संख्या में जुटे देश भर के हड्डी विशेषज्ञों ने यह बात बता दी कि नए अविष्कारों के माध्यम से कैसे लोगों को आराम देना है और उन्हें बचाना है। बता दे कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज का खून का रिसाव कम होने के साथ ही रिकवरी और अस्पताल से छुट्टी जल्द मिल सकेगी।
नए प्रयोग किये जा रहे
राजस्थान के जयपुर एसएमएस अस्पताल के हड्डी विभाग के डॉक्टर्स ने अपनी कई उपलब्धियों को दिखाई है। वहीं पिछले कुछ वर्षो में राजस्थान में हड्डी जनित बीमारियों का ग्राफ बढ़ा है।साथ ही एसएमएस में हड्डी रोग के मरीज भी बढ़े हैं। बता दे कि यहां के डॉक्टर्स के लिए हड्डी की बीमारियों को कम करना और उसपर लगाम लगाने के लिए ये सारे नए प्रयोग किये जा रहे हैं।
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चुनौती से लड़ने की बात कही
इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सेंट्रल जोन की वार्षिक कांफ्रेंस जयपुर में तीन दिन तक चली। वहीं रोग विशेषज्ञ ने बताया कि इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा हर साल ऑर्थोपेडिक क्षेत्र में हो रहे नवीनतम तकनीकी विकास के बारे में जानने और समझने के लिए वार्षिक कांफ्रेंस आयोजित की जाती है। बता दे कि इस वर्ष की काउंसिल डॉक्टर रमेश चंद्र बंशीवाल प्रेसिडेंट सेंट्रल जान इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के नेतृत्व में की गई है। वहीं इसमें राजस्थान के डॉक्टर्स के साथ ही साथ अन्य प्रदेशों के हड्डी रोग एक्सपर्ट ने आने वाली चुनौती से लड़ने की बात कही है। उसके लिए पूरा प्लान भी बनाया गया है।