Diwali Rangoli: दिवाली के अवसर पर घरों और ऑफिसों को दीपों, लाइटों, फूलों और तोरण से सजाने के साथ ही रंगोली बनाना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। हिंदू धर्म में शुभ अवसरों पर रंगोली बनाना एक प्राचीन परंपरा है, जो विशेष रूप से दिवाली पर निभाई जाती है। इस परंपरा के पीछे कई मान्यताएं और धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। दिवाली पर रंगोली बनाने का उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना और वातावरण को पवित्र बनाना है। आइए जानते हैं दिवाली पर रंगोली बनाने के पीछे की मान्यताएं और इसके महत्व को विस्तार से।
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रंगोली से सकारात्मक ऊर्जा का संचार
रंगोली के विभिन्न रंगों से घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। माना जाता है कि रंगों का उपयोग घर की सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने में मदद करता है।
रंगोली बनाते समय उपयोग किए गए रंग न केवल घर को सजाते हैं, बल्कि ये घर के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। दिवाली, जो कि प्रकाश और खुशियों का पर्व है, पर रंगोली बनाने से उत्सव की खुशी और भी बढ़ जाती है।
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भगवान राम के स्वागत की प्राचीन परंपरा
दिवाली पर रंगोली बनाने की एक महत्वपूर्ण धार्मिक मान्यता भगवान राम से जुड़ी है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत के लिए रंगोली बनाई थी और दीप जलाए थे। यह दृश्य अयोध्या नगरी में उत्सव और खुशी का प्रतीक था। उसी परंपरा के तहत, आज भी दिवाली पर रंगोली बनाकर और दीप जलाकर भगवान राम के अयोध्या आगमन की याद को ताजा किया जाता है। यह परंपरा अयोध्यावासियों द्वारा भगवान राम के प्रति सम्मान और प्रेम को दर्शाती है, जिसे आज भी हर हिंदू परिवार अपने घर पर निभाता है।
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समृद्धि और देवी लक्ष्मी का स्वागत
दिवाली पर रंगोली बनाने की एक और मान्यता यह भी है कि इससे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है। दिवाली के दिन विशेष रूप से रंगोली दरवाजे के पास या आंगन में बनाई जाती है, ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। ऐसा माना जाता है कि रंगोली के सुंदर और आकर्षक डिजाइनों से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं
और उस घर में समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए, दिवाली पर रंगोली बनाना केवल सौंदर्य और सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
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रंगोली के पीछे छिपा सांस्कृतिक महत्व
रंगोली केवल धार्मिक परंपराओं का ही हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका सांस्कृतिक महत्व भी गहरा है। विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की रंगोली बनाई जाती है, जो उस स्थान की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है। रंगोली के डिजाइनों में फूल, दीप, देवी-देवताओं के चित्र और ज्यामितीय आकार शामिल होते हैं, जो हर क्षेत्र की अपनी विशेषता होती है। इस तरह, रंगोली भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे पीढ़ियों से सहेजा और संजोया जा रहा है।