हमारी खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें जरा सी भी लापरवाही आपके लिए जानलेवा हो सकती है ऐसे में इसे कंट्रोल रखने के लिए लोग खानपान में से लेकर Lifestyle तक में कई तरह के बदलाव करते हैं। डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए एक बड़ा सवाल ये भी रहता है की चावल का सेवन करे या न करें? क्योकि चावल में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। लेकिन, यह भी सच है कि चावल की कई किस्में होती हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) अलग-अलग होता है। ऐसे में यह चावल के प्रकार पर निर्भर करता है, किसे शुगर में खाना चाहिए और किसे नहीं।
53 करोड़ से अधिक लोग इस समस्या से परेशान
दुनियाभर में तेजी से डायबिटीज की बीमारी बढ़ती है जिसका जोखिम सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। इसके आंकड़ों से पता चलता है कि दुनियाभर में 537 मिलियन (53 करोड़) से अधिक लोग इस गंभीर समस्या से परेशान हैं। डायबिटीज के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत भी हो जाती है।डयबिटीज में ब्लड शुगर बढ़े रहने की समस्या होती है जो अगर कंट्रोल न रहे तो इससे किडनी, आंखों और अन्य अंगों की क्षति का खतरा हो सकता है। शुगर को कंट्रोल रखने के लिए खान-पान में सुधार करना सबसे जरूरी है।

मधुमेह और कार्बोहाइड्रेट
चावल में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन है और मधुमेह की समस्या में सभी लोगों को कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं, हर किसी के ब्लड शुगर का स्तर कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है। हालांकि सफेद चावल खाने से शुगर बढ़ने का खतरा हो सकता है इसलिए जरूरी है कि ऐसी चीजों का सेवन कम या बिल्कुल न किया जाए जिससे इस तरह का खतरा बढ़ सकता है।
टाइप-2 डायबिटीज वाले बरतें सावधानी
टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों की सेहत पर चावल खाने से शुगर बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने या इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया करने में समस्या होती है। इस कारण से रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को प्रभावी ढंग से संग्रहीत या उपयोग करने में कठिनाई होने लगती है। चूंकि ग्लूकोज, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों से आता है, इसलिए मधुमेह वाले लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों का सेवन
बता दे कि, एक कप सफेद चावल में 53.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। जब मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय और खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, तो इसका ग्लूकोज में ब्रेकडाउन होने लगता है और रक्त शर्करा स्तर बढ़ जाता है। अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिन लोगों को हाई डायबिटीज की समस्या रही है उन्हें 45-60 ग्राम से अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट से हमें काम करने की ऊर्जा मिलती है इसलिए इससे पूरी तरह से दूरी बना लेना भी ठीक नहीं है।
ब्राउन राइस होता है फायदेमंद

निष्कर्षों से पता चलता है कि डायबिटीज रोगियों को कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम से कम करना चाहिए। भोजन में एक समय चावल खाया जा सकता है, हालांकि इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर संभव हो तो सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन करें। इससे ब्लड शुगर बढ़ने का जोखिम नहीं रहता है। इसके अलावा, ब्राउन राइस में फाइबर, विटामिन्स, खनिज और कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जिससे शरीर को लाभ होता है। इसलिए डायबिटीज में सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाना अधिक लाभकारी हो सकता है।