Somvati Amavasya: आज देशभर में सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है । सावन माह में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रध्दालु स्नान – दान के लिए हरिद्वार पहुंचे है । इस दौरान गंगा घाटों पर जल कम होने की वजह से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा ।
इसके अलावा कुछ स्थानों पर जल के बढ़े स्तर की वजह से घाटों को बंद कर दिया गया था । आपको बता दें कि, इस माह में फिलहाल कोई त्यौहार नहीं पड़ रहा है।इस माह में पुरुषोत्तम मास पड़ने की परंपरा की है,लेकिन पुरुषोत्तम मास प्रत्येक तीसरा साल पड़ता है। इस अनुसार ये पर्व साल 2026 में पड़ने वाला है।
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इसको लेकर ज्योतिष शास्त्रीयों की माने तो , सूर्य सभी 12 राशियों में प्रवेश करते हैं लेकिन पुरुषोत्तम मास ऐसा महीना है जिसमें वह किसी राशि में नहीं रहते। इस मास के बाद सभी पर्व शुद्ध श्रावण में 17 अगस्त से शुरू हो जाएंगे। उधर, सोमवार रात 10 बजे तक हरिद्वार शहर क्षेत्र में सभी भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
सोमवती अमावस्या को लेकर ये है मान्यता
सोमवती अमावस्या के पर्व को लेकर मान्यता है कि, आज के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। ज्योतिषाचार्यों के आज के दिनों को लेकर बताया है कि, ”शिव पुराण में भी सोमवती अमावस्या का उल्लेख है। पुराण और उपनिषदों में बताया गया है कि सोमवार के दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ होकर जब अमावस्या का निर्माण करते हैं तो उस दिन समस्त पितरों का ध्यान पृथ्वी लोक पर होता है।”
57 साल बाद बना ये संयोग
श्रावण मास के प्रथम कृष्ण पक्ष में आज 57 साल बाद सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग बना है। 1966 में 18 जुलाई को सोमवती हरियाली अमावस्या का पर्वकाल था, इस वर्ष यह 17 जुलाई पड़ा है। वैसे तो हर अमावस्या पर्व की तरह होती है, लेकिन इस साल हरियाली अमावस्या बहुत खास है। क्योंकि इस दिन तीन शुभ योग का संयोग बने हैं। हरियाली अमावस्या पर स्नान दान मुहूर्त, महत्व और शुभ योग 1966 से मिल रहा है।
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श्रध्दालुओं की सुरक्षा के खास प्रबंध
सोमवती अमावस्या के अवसर पर उमड़ने को लेकर उत्तराखंड प्रशासन की तरफ से खास इंतजाम किये गये थे । इसको लेकर प्रशासन ने मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन, 42 सहायक जोनल और 93 सेक्टर में बांटा है। मेले में एक पुलिस अधीक्षक 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 32 सीओ, 242 एसआई व एएसआई, 1150 मुख्य आरक्षी एवं आरक्षी, 11 कंपनी पीएसी, सात कंपनी सीपीएमएफ, 1360 रिक्रूट आरक्षी, दो एटीएस टीमों को तैनात किया गया था ।