महराजगंज संवाददाता: अभिषेक श्रीवास्तव
- परिजनों व मुहल्लेवासियों का फूटा गुस्सा
- नशीले इंजेक्शन की बरामदगी में लगाया पारदर्शिता न बरते जाने का आरोप
Maharajganj: यूपी के महराजगंज सिसवा कस्बे में नशीले इंजेक्शन के साथ पकड़े गए आरोपियों में एक नाबालिग को आरोपी बनाए जाने को लेकर परिजनों व मुहल्लेवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। आंदोलनकारियों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध विरोध जताते हुए गोपालनगर तिराहे पर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे सीओ निचलौल व एसओ के मामले में जांच कर कार्रवाई किए जाने आश्वासन पर आंदोलनकारियों का गुस्सा शांत हुआ।
चार युवकों को गिरफ्तार किया
जानकारी के मुताबिक गोपालनगर तिराहे से एसओजी, स्वाट व कोठीभार पुलिस की संयुक्त टीम ने एक मेडिकल स्टोर के पास नशीले इंजेक्शन के साथ चार युवकों को गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस ने चारों आरोपितों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया। बताया जा रहा था कि जेल भेजे गए आरोपियों में एक आरोपी नाबालिग था। जिसको लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोपी के परिजन व मोहल्लेवासी बुधवार को इकठ्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
वही आंदोलनकारियों का कहना था कि पुलिस ने पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती है। आरोप लगाया कि घटना के दिन मेडिकल स्टोर से पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार किया। जबकि मामले के खुलासे में पुलिस द्वारा दर्शाया गया है कि चारों आरोपी बस से उतरे थे। आंदोलनकारियों ने कहा कि पूरे प्रकरण की अगर पारदर्शिता बरतते हुए जांच कर लिया जाए तो सच्चाई सामने आने के साथ नशीली दवा के व्यापार करने वाले बड़े कारोबारियों के चेहरे सामने आ जाएंगे।
सीसीटीवी फुटेज कैमरों में कैद
वही एसओजी व कोठीभार पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया कि घटना के कुछ ही देर पहले उक्त मेडिकल स्टोर पर पिकअप से दवा की खेप उतारी गई थी। जिसका सीसीटीवी फुटेज अगल बगल के लगे कैमरों में कैद है। जबकि बताया जा रहा है कि एसओजी व पुलिस की टीम उसी पिकप को ट्रेस करते हुए मेडिकल स्टोर तक पहुंची थी। जहां पिकप के जाने के कुछ ही क्षण बाद टीम ने चारों को गिरफ्तार किया था। जब की पुलिस के द्वारा किया गया मुकदमा कुछ और है, वही नाबालिग आरोपी के पिता के अनुसार घटना के दिन आधार कार्ड के अनुसार घटना के दिन उसका बेटा 17 साल 8 माह का था।
निर्दोष किसी भी कीमत पर जेल नहीं जाएंगे
जो कुशीनगर जनपद के खड्डा नगर पंचायत स्थित एक महाविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। वह प्रतिदिन खड्डा से पढ़ने के बाद उक्त मेडिकल स्टोर पर दवा की खरीद व बिक्री का तरीका सीखता था। फिलहाल अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा अस्वश्नन मिलने पर आंदोलन खत्म हुआ वही सीओ निचलौल अनुरूद कुमार का कहना है आरोपी के परिजनों की बात सुनी गई है। पूरे प्रकरण में विवेचना के आधार पर पारदर्शिता बरतते हुए जांच कराई जाएगी। निर्दोष किसी भी कीमत पर जेल नहीं जाएंगे।