UP CRIME : UP के Varanasi से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ऐसी घटना को अंजम दिया गया है, जिसको सुनते ही आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी । यह घटना एक ऐसी बदनसीब मां की है, जिसके मौत के बाद उसके बच्चों ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया। वहीं महिला के शव को एक कमरे में रजाई के अंदर छिपाकर रखा था। वहीं हैरानी की बात है कि उस शव के साथ दो बेटियां साल भर से रह रही थीं, इसके साथ इस बात कि भनक रिश्तेदारों और उसके आसपास के लोगों को तक नहीं लगी।
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जानें क्या है पुरा मामला..
मां और बेटी का रिश्ता दुनिया का सबसे प्यारा और अलग रिशता होता है। वहीं मां अपने बेटी को बाहर के दुनिया का अच्छा बुरा सब सिखाती है। ये रिश्ता प्यार, झगड़ा, दुलार जैसी कई भावनाओं से भरपूर होता है। वहीं वाराणसी के लंका थानक्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई की जिसे सुनकर लोगों अशर्य में पर गए है, हर किसी का उस घटना से सवाल यह है की कोई ऐसा कैसे कर सकता है। बात दें कि मदरवा इलाके में काफी समय बीत जाने की वजह से महिला का शव कंकाल में बदल चुका था। यहीं नहीं उस शव से कीड़ा तक निकलने लगा था, तो उसे दोनों बेटियां मिलकर रोजाना इस कीड़े को निकालकर बाहर फेंक देती थी, जिसके बाद उस लाश से दुर्गंध आने लगा तो घर में खाना बनाया करती थी , और छत पर ले जाकर खाया करती थी ताकि वो बीमार न पड़ें।
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दोनों बेटियां मानसिक रूप से हैं अस्वस्थ..
बता दें कि जब इस बात का भनक रिश्तेदारों को हुई तो उसने पुलिस से शिकायत कर दी जिसके बाद बुधवार की रात पुलिस ने दरवाजा तोड़कर जब घर में प्रवेश किया तो वह भी हैरान रह गया, क्योंकि बेटियों ने मां का लाश एक कमरे में ताले में बंद करके रखा था, जिसके बाद लाश का बस कंकाल बचा था, वहीं जब इस घटना का खुलासा हुआ तो वहीं के लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई, इसके साथ पुलिस भी यह घटना देख अचंभित रह गया। वहीं सूत्रों के मुताबिक दोनों बेटियां मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, इस वजह से उसने मां के मौत की खबर किसी को नहीं दी।
डीसीपी ने बताया कि..
वहीं इस मामला को लेकर डीसीपी ने बताया कि दोनों बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी पल्लवी मास्टर डिग्री कर चुकी है। वहीं उसने पुछताछ के दौरान बताया कि कोरोना काल में दुकान बंद होने के वजह से पैसे की दिक्कत हो गई, इसी बीच मां 8 दिसंबर 2022 को देहांत हो गया वो उल्टियां बहुत करती थी। हमारे पास पैसा नहीं था जिस कारण हम मां का अंतिम संस्कार नहीं करा पाए। वहीं पल्लवी ने आगे यह भी बताया कि वो और वैष्णवी दोनों सुबह उठकर एक बार उस कमरे में जाते थे जहां मां का शव था फिर रजाई हटाकर देखते थे कोई कीड़ा तो नहीं है। यदि होता था तो उसे हटाकर फेक देते थे और फिर दिनचर्या में लग जाते थे।