हरदोई संवाददाता- Harsh Raj
- सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर महिलाओं को से करता था दोस्ती।
- अभी तक 64 लख रुपए की कर चुका था ठगी।
Hardoi: उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में साइबर ठगी की शिकायतों को लेकर शासन ने हर जिले में साइबर सिक्योरिटी सेल का गठन किया और हरदोई की साइबर सिक्योरिटी सेल के पास एक महीने में ही महिलाओं से सम्बंधित लगभग दो सौ शिकायते आ गई। इन मामलो में दर्ज की गई शिकायतों को लेकर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बड़ा खुलासा किया है। जिला एटा निवासी विकास सिंह राठौड़ को क्राइम ब्रांच और साइबर सिक्योरिटी पुलिस ने अरेस्ट किया गया है।
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50 हज़ार रुपए की मांग
जो कि सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टा, टेलीग्राम, फेसबुक, ट्विटर पर अपने कई आईडी से महिलाओं से दोस्ती करता था और उन्हें अपने प्रेमजाल में फांस कर अश्लील चित्रों के जरिए ब्लैकमेल करता था। कई पीड़ित महिलाएं अपने सम्मान के चलते पुलिस के पास नहीं जाती थी। लेकिन हरदोई की एक महिला ने 50 हज़ार रुपए की मांग पर साइबर को सूचित किया। इसके बाद साइबर टीम ने उस ठग को उस महिला द्वारा हरदोई के एक बस अड्डे पर बुलाया, जहां उसकी गिरफ्तारी हुई।
64 लाख रुपए की धोखाधड़ी का पता चला
गिरफ्तारी के बाद काफी चौंकाने वाली बातें सामने आई। धोखाधड़ी के मामले में प्रयुक्त हुए 559 मोबाइल नंबरों को बंद करने को शासन को रिपोर्ट भेजी गई हैं। विकास सिंह राठौड़ एटा जनपद का निवासी हैं और उसके पास से 64 लाख रुपए की धोखाधड़ी का पता चला हैं। जिसमें से 22 लख रुपए पुलिस ने पीड़ितों को वापस उनके अकाउंट में डलवाए।
हरदोई पुलिस द्वारा यह एक सराहनीय काम
विकास सिंह राठौड़ महिलाओं से विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर रिक्वेस्ट भेज कर दोस्ती करता था और उसके बाद उनको अपने प्रेम जाल और विश्वास में लेकर धन उगाही करता था। हरदोई की साइबर सिक्योरिटी टीम द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया पर महिलाओं से दोस्ती के जाल में फ़ासकर ब्लैकमेल करने वाले शातिर अपराधी विकास सिंह राठौड़ को जेल भेजा गया हैं।
हरदोई पुलिस द्वारा यह एक सराहनीय काम
लेकिन यहां बड़ा सवाल यह हैं की आम जनता सोशल मीडिया पर बिना जान पहचान के लोगों से दोस्ती कर लेता हैं। उसके बाद उसकी ठगी का शिकार होता हैं। ऐसे में चाहे पुरुष हो या महिलाएं हो किसी को भी सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति से दोस्ती करना बहुत महंगा पड़ता हैं। समाज में बदनामी होती हैं। कई मामलों में तो लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। हरदोई पुलिस द्वारा यह एक सराहनीय काम किया गया हैं। इसको एक जागरूकता का काम भी समझा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।