माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने जूवेनाइल होम से रिहा कर दिया है। बता दे कि दोंनो बच्चों की कस्टडी माफिया अतीक अहमद की बहन और बच्चों की बुआ परवीन अहमद को सौंपी गई है।
UP Crime News: बाल सुधार गृह में बंद अतीक अहमद के दोनों बेटे एहजम और अबान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के आदेश पर सोमवार को छोड़ दिए गए।
अहजम और आबान को अतीक की बहन शाहीन की सुपुर्दगी में सौंपा गया है। परवीन अतीक अहमद की बहन हैं। अतीक के ये दोनों बेटे 4 मार्च से प्रयागराज के राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह में थे। बता दे कि बच्चों की कस्टडी लेने के लिए खुद अतीक अहमद की बहन परवीन बाल सुधार गृह पहुंची थी।
एक शूटआउट ने खत्म कर दिया अतीक अहमद का साम्राज्य…
इसी साल प्रयागराज जिले में हुए एक शूटआउट ने अतीक अहमद के साम्राज्य को ही तहस-नहस कर दिया था। ये शूटआउट तो एक वकील उमेश पाल का हुआ था, लेकिन आरोप अतीक अहमद पर लगा था। मामला इतना ज्यादा सुर्खियों में रहा कि यूपी एसटीएफ ने चुन-चुनकर उमेश पाल की हत्या में शामिल आरोपियों का एनकाउंटर किया। इसमें अतीक का बेटा असद खान भी शामिल था। असद के एनकाउंटर के दूसरे दिन ही रात में प्रयागराज में अतीक अमहद और उसके भाई अशरफ की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अतीक अहमद की बहन ने कस्टडी इ लिए डाली थी अर्जी…
बच्चों की कस्टडी को लेकर माफिया अतीक अहमद की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही अतीक के दोनों बेटों की रिहाई हुई है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी CWC ने दोनों बेटों की रिहाई का आदेश जारी किया और उन्हें बुआ परवीन को सौंप दिया गया। अतीक अहमद का चौथा बेटा अहजम 5 अक्टूबर को 18 साल की उम्र पूरी कर बालिग हुआ है। अतीक अहमद के बच्चों की रिहाई के वक्त बाल संरक्षण गृह में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस दौरान असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वरुण कुमार और धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य भी मौजूद थे। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में बुआ परवीन को दोनों बच्चों की कस्टडी सौंपी। इसके बाद बुआ परवीन अपने भतीजों अहजम और आबान को अपने साथ लेकर चली गईं।
Read more: AMU में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन पर भड़की BJP..
उमेश पाल हत्याकांड में आया था नाम…
बता दें कि एहजम अहमद का नाम भी उमेश पाल हत्याकांड में सामने आया था। अतीक के वकील खान सौलत हनीफ ने खुद अपने बयान में इस बात को कबूला था। सभी शूटरों और अतीक-अशरफ के मोबाइल फोन पर फेसटाइम एप के जरिए आईडी बनाने वाला और कोई नहीं बल्कि एहजम ही था। प्रयागराज पुलिस ने एहजम का नाम भी केस डायरी में शामिल किया था।
जिगाना पिस्टल से हुई थी अतीक की हत्या…
शूटर लवलेश, सनी और अरुण मौर्य ने प्रयागराज में 15 अप्रैल, 2023 को माफिया ब्रदर्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। अतीक और उसके भाई को उस वक्त निशाना बनाया गया। जब धूमनगंज पुलिस दोनों को मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन अस्पताल लेकर पहुंची थी। कॉल्विन अस्पताल पहुंचने के बाद अतीक और अशरफ मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान तीनों हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर दोनों को ढेर कर दिया था। शूटर्स ने बड़ी वारदात को विदेशी पिस्टल जिगाना से अंजाम दिया था।
मीडिया से दूर रखे गए बच्चे…
रिहाई के वक्त बच्चों को मीडिया से दूर रखा गया और उन्हें कोई बात नहीं करने दिया गया। इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने जिले की सीजेएम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट में कहा था, कि बच्चों के पिता की हत्या हो चुकी है, दोनों बड़े भाई जेल में हैं और मां शाइस्ता परवीन लगातार फरार चल रही हैं। इसके बाद अतीक अहमद की बहन परवीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रयागराज पुलिस ने 4 मार्च को दोनों बेटों को उनके घर के पास से लावारिस हालत में बरामद किया था। घर में कोई जिम्मेदार सदस्य ना होने और बच्चों के नाबालिग होने की वजह से उन्हें बाल संरक्षण गृह में दाखिल कर दिया गया था।
उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों को चकिया इलाके से बरामद किया था। दोनों की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण उन्हें कोर्ट के आदेश पर बाल संरक्षण गृह में रखा गया था। यह दोनों बच्चे चौथे और पांचवें नंबर के हैं। एहजम इसी महीने 18 साल का हो गया है। नियमानुसार उसे अब बाल संरक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता।