कांग्रेस सांसद और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरुर ने रविवार को 17वें जयपुर साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेते हुए एक बार फिर से देश के लोकतंत्र पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी के ऊपर निशाना साधा है.शशि थरुर ने पीएम मोदी को अपने निशाने पर लेते हुए कहा है कि,देश में एक दशक से केवल एक व्यक्ति की बात हो रही है पिछले10 सालों से देश ने केवल मैं और सिर्फ मैं सुना है।
Read More:Jharkhand राजनीति में आज अहम दिन!क्या Floor Test में Champai Soren होंगे पास?
‘लोकतंत्र की बजाय देश चुनावी तानाशाही में बदल रहा’
शशि थरुर ने बीजेपी को अपने निशाने पर लेते हुए आगे कहा कि,बहुमत की आड़ में देश चुनावी लोकतंत्र की बजाय चुनावी तानाशाही में बदल रहा है.देश को एक वैकल्पिक नेतृत्व की जरुरत है जो जनता जनार्दन की बात सुने,उसकी जरुरतों को समझे और उसकी समस्याओं का समाधान निकाले.शशि थरुर ने कहा कि,हमारे यहां संसदीय प्रणाली है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा संचालित किया जाता है और हमें इस बारे में 2014 के ‘मैं नहीं, हम’ नारे को याद रखना चाहिए. हमने पिछले 10 साल में बहुत मैं, मैं सुना है. केवल एक व्यक्ति की बात होती रही है .इसका जवाब ये है कि एक भिन्न प्रकार का नेतृत्व तैयार किया जाए, जो केवल अपना ही बखान न करे, बल्कि पूरी विनम्रता के साथ आपकी बात सुने, आपके बारे में बात करे, आपकी जरूरतों को समझे और उनका समाधान करे।
Read More:Triple Murder केस को अंजाम देने वाले आरोपी लल्लन खान और उसके बेटे गिरफ्तार..
गठबंधन में एक फार्मूला सभी पर लागू नहीं हो सकता-शशि थरुर
तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पश्चिम बंगाल और पंजाब में अकेले चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर इंडिया गठबंधन में एकजुटता नहीं दिखाई दे रही इसके जवाब में शशि थरुर ने कहा कि,तथ्य की बात ये है कि इसमें कई सारी राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं, कोई एक फार्मूला सभी पर लागू नहीं हो सकता,सभी राज्यों की अपनी राजनीति और अपना राजनीतिक इतिहास है. इसलिए जब बात राष्ट्र की हो, तो आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए.कुछ राज्य हैं, जहां हम एक दूसरे से सहमत हैं, कुछ में सहमत नहीं हैं।
Read More:‘Swachh Bharat Mission’ की बलिया ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी हुई धड़ाम
न्यायपालिका, निर्वाचन आयोग, संसद और मीडिया जैसी संस्थाओं का क्षरण लोकतंत्र के भविष्य के लिए कितना गंभीर है, इस बारे में पूछे जाने पर शशि थरूर ने कहा कि,पिछले 6-7 दशकों में पहले की सरकारों ने लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न संस्थाओं को मजबूती प्रदान की थी, लेकिन आज इन संस्थाओं की स्वायत्तता को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि,न केवल इन लोकतांत्रिक संस्थाओं का क्षरण हो रहा है, बल्कि इनसे जनता की आकांक्षाएं भी धूमिल हो रही हैं. उन्होंने कहा,बहुमत की आड़ में देश चुनावी लोकतंत्र के बजाय चुनावी तानाशाही में बदल रहा है।