देर से CM बनाने के पीछे BJP की कोई मजबूरी या फिर राज्यों को नए चेहरे मिले हैं इस बात की रणनीति। बता दे कि जब-जब BJP ने मुख्यमंत्री चुनने में देरी की है, राज्यों को नए चेहरे मिले हैं। इस बात का गवाह यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था।
CM Selection: राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के चुनाव में बीजेपी मंथन कर रही है, वही बड़े से लेकर छोटे नेता तक एक ही बात कह रहे हैं- सब कुछ हाईकमान तय करेंगे। हाईकमान मतलब नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा। बता दे कि विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित हुए एक हफ्ते का समय हो चुका है, वही इनमें से दो राज्यों तेलंगाना और मिजोरम में नई सरकारों का गठन हो चुका है, वही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) अभी तक मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं कर पाई है।
भाजपा ने 2013 में तीन दिन के अंदर चुन लिए थे मुख्यमंत्री…
साल 2013 में भाजपा ने चुनाव परिणाम घोषित होने के महज 3 दिनों में ही छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री के नामों का ऐलान कर दिया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी को इन राज्यों में किसी नए चेहरे को सीएम नहीं बनाना था। एमपी में शिवराज, राजस्थान में वसुंधरा और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का मुख्यमंत्री बनना तय था। वही साल 2017 विधानसभा चुनावों को अगर याद किया जाए तो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा को मुख्यमंत्री चुनने में देरी हुई थी। क्योंकि नतीजन तीनों ही राज्यों में नए चेहरे मुख्यमंत्री बने थे।
तीनों राज्यों में बीजेपी को मिला बहुमत…
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पहले कांग्रेस की सरकार थी और अब बीजेपी सरकार बनाएगी। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और पार्टी ने वापसी की है।
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तीनों राज्यों में CM पद की रेस में कई दावेदार…
तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद की रेस में कई दावेदार हैं। बीजेपी किसी नए चेहरे को सीएम बनाना चाहती है। एमपी में शिवराज सिंह के अलावा सीएम पद की रेस में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल जैसे नेता शामिल हैं। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम लिया जा रहा है। वहीं, अगर राजस्थान की बात करें तो वसुंधरा के अलावा अर्जुम राम मेघवाल, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ जैसे नेता सीएम पद की रेस में शामिल हैं। उधर, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के अलावा अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी जैसे नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसे में तीनों राज्यों के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों की भूमिका काफी अहम हैं वो किसे चुनते हैं, जिस पर पार्टी हाईकमान मुहर लगाए।
अगले दो दिनों में नाम का ऐलान संभव…
हालांकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए बीजेपी ने पर्यवेक्षकों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ के दौरे पर पार्टी के पर्यवेक्षक हैं और वह सीएम के नाम का ऐलान कर सकते हैं। वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी अगले दो दिनों में सीएम पद को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है।