India News: चीन ने हाल ही में कंबोडिया के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज में ‘रोबो डॉग’ का प्रदर्शन किया, जिसमें मशीन-गन लगी हुई थी। इस तकनीकी प्रदर्शन ने अमेरिकी कांग्रेस में चिंता बढ़ा दी और इसे लेकर युद्ध के मैदान पर इन रोबोट्स के प्रभाव का आकलन करने की अनुमति दी गई। भारतीय सेना भी रोबोटिक डॉग्स, जिन्हें ‘म्यूल’ (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) कहा जाता है, को अपनी फौज का हिस्सा बनाने पर विचार कर रही है। इन रोबोटिक म्यूल्स को निगरानी और हल्के वजन को ढोने के लिए तैनात किया जाएगा और इन्हें चीनी सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी तैनात किया जा सकता है।
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मिलिट्री टेक्नोलॉजी में नई तकनीकों की खोज
भारतीय सेना लंबे समय से मिलिट्री टेक्नोलॉजी में नई तकनीकों की खोज कर रही है। पिछले साल जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोसियम 2023 में भारतीय सेना के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए रोबोटिक डॉग की काफी चर्चा हुई थी। यह म्यूल बर्फ, पहाड़ों और संकरी अंधेरी जगहों में भी काम कर सकता है, जहां आतंकवादी या दुश्मन छिपे हो सकते हैं।
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आतंकियों के खिलाफ ‘फर्स्ट कॉन्टैक्ट’ में मददगार
रोबोटिक म्यूल्स आतंकियों के साथ ‘फर्स्ट कॉन्टैक्ट’ में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। ये 360 डिग्री कैमरों की मदद से दुश्मनों की सही लोकेशन का पता लगाकर, फायरिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके उन्हें निशाना बना सकते हैं। इन रोबोट डॉग्स में थर्मल कैमरे और अन्य सेंसर लगे होते हैं, साथ ही इनमें छोटे हथियार भी लगाए जा सकते हैं।
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सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए सहायक
इन रोबोटिक डॉग्स का उपयोग सीमाओं पर तैनात जवानों तक छोटे-मोटे सामान ले जाने के लिए भी किया जा सकता है। भारत ने पहले ही राजस्थान के पोकरण में एक सैन्य अभ्यास में इन रोबोटिक म्यूल्स का प्रदर्शन किया था। आगरा स्थित शत्रुजीत ब्रिगेड ने भी इनकी खूबियां साझा की थीं।
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रोबोटिक डॉग्स की विशेषताएं
ये रोबोटिक डॉग्स 51 किलो वजन के होते हैं और 27 इंच लंबे होते हैं। ये 3.15 घंटों तक लगातार चल सकते हैं और मात्र एक घंटे में रिचार्ज होकर दस घंटे तक काम कर सकते हैं। इनकी पेलोड क्षमता 10 किलोग्राम है और इनमें थर्मल कैमरे और रडार जैसे उपकरण लगाए जा सकते हैं। इन्हें वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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चीन के रोबोटिक डॉग्स की क्षमताएं
चीन के रोबोटिक कुत्ते सीढ़ियां चढ़ने, बैकफ्लिप जैसी कलाबाजी करने और उबड़-खाबड़ इलाकों को पार करने में सक्षम हैं। ये 20 किलो तक का भार उठाते हुए चार घंटे तक लगातार काम कर सकते हैं। 2023 में यूएस मरीन ने प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट टेस्ट के दौरान एक चीनी रोबोट डॉग यूनिट्री गो1 ने अपनी मोबिलिटी और युद्धाभ्यास क्षमताओं का प्रदर्शन किया था।
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अमेरिकी सेना और रोबोटिक कुत्ते
अमेरिकी सेना ने यूक्रेन में माइन क्लीयरेंस के लिए बोस्टन डायनेमिक्स के रोबोट कुत्तों का इस्तेमाल किया था। चीनी निर्मित रोबोट डॉग की कीमत लगभग 3,000 डॉलर है, जबकि अमेरिकी निर्मित बोस्टन डायनेमिक्स स्पॉट डॉग की कीमत लगभग 60,000 डॉलर है।