Chandrayaan 3 : दुनिया में भारत आपना इतिहास रचने को तैयार है, साथ ही चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत के इतिहास रचने में कुछ ही घंटों का समय है। वहीं ISRO के तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार (23 अगस्त) की शाम 5 बजकर 20 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।बता दे कि चंद्रयान-3 मिशन के निदेशक मोहन कुमार हैं, व्हीकल/रॉकेट निदेशक बीजू सी, थॉमस हैं और अंतरिक्ष यान निदेशक डॉ. पी. वीरमुथुवेल हैं। वहीं लॉन्चिंग सफल चंद्रयान-3 ने अपनी लॉन्चिंग के चार चरण को सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं।बता दे कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होने के बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा।
लैंडिंग में लगेंगे 15 से 17 मिनट
चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा। वहीं चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं,लेकिन इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगेंगे। वहीं चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।
रूस पीछे छूट गया
भारत में चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ ही दिन पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की दौड़ में रूस पीछे छूट गया, बता दे कि जब उसका रोबोट लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया,तो वहीं रूसी लैंडर लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
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ISRO ने ये कहा
इसरो ने मंगलवार (22 अगस्त) को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है, साथ ही अंतरिक्ष एजेंसी ने भी कहा कि ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। इसरो ने कहा कि एमओएक्स/आईएसटीआरएसी से चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का सीधा प्रसारण बुधवार शाम पांच बजकर 20 मिनट से शुरू किया जाएगा। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुवी क्षेत्र के निकट उतरने की उम्मीद है।