West Bengal: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. यहां की महिलाओं ने TMC नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. इन आरोपों को लेकर भाजपा लगातार राज्य सरकार पर सवाल उठा रही है. लगातार विपक्षी दल सीएम ममता को घेरते हुए नजर आ रहे है. वहीं इन सब के बीच खबर सामने आई है कि केंद्र सरकार इन घटनाओं की एनआईए से जांच कराने की तैयारी में है.
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NIA से जांच करना का फैसला लिया जा सकता!
बताते चले कि भाजपा नेताओं ने इन महिलाओं के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य एजेंसियों द्वारा केंद्र सरकार को मुहैया करवाई गई सूचना के आधार पर इन घटनाओं की NIA से जांच करना का फैसला लिया जा सकता है. हालाकि अभी इस बात की पुष्टी नहीं हुई है.
असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले!
दूसरी ओर जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इस मामले में राज्य के बाहर असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं.यही नहीं इनको सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने के लिए संदेशखाली भेजा गया था. कुछ हद तक ये भी वजह है कि केंद्र सरकार इसीलिए एनआईए जांच की तैयारी कर रही है. दरअसल, जिन लोगों पर उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने के आरोप लगे है, उनमें से आधे से ज्यादा लोग बंग्लादेश सीमा के पास रहते हैं. इस बाबत पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी केंद्र सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे चुके हैं.
रेखा शर्मा ने की राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
इन सब के बीच संदेशखाली के हालात का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा पहुंची. वहां पहुंच कर उन्होंने महिलाओं से बातचीत की. रेखा शर्मा पश्चिम बंगाल सरकार पर वहां महिलाओं की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, ‘इलाके की महिलाओं से बात करने के बाद मुझे पता चला कि संदेशखाली में स्थिति भयानक है. कई महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई. उनमें से एक ने कहा कि यहां टीएमसी पार्टी कार्यालय के अंदर उसके साथ बलात्कार किया गया था. हम अपनी रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख करेंगे। हमारी मांग है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.’
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा पर आरोप लगाए
एक ओर जहां भाजपा लगातार राज्य सराकार पर हमला बोल रही है. दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा पर आरोप लगाए है कि महिला आयोग भाजपा के दबाव में आ कर काम कर रही है. tmc प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘एनसीडब्ल्यू को पश्चिम बंगाल का दौरा करने की जल्दी है, लेकिन उसने कभी भाजपा शासित राज्यों का दौरा करने में इतनी जल्दबाजी नहीं दिखाई.
’गाल की मंत्री शशि पांजा ने सवाल किया, ‘वह (NCW अध्यक्ष) मध्य प्रदेश के मुरैना क्यों नहीं गईं, जहां एक गर्भवती महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे जला दिया गया? जब महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया तो एनसीडब्ल्यू सक्रिय क्यों नहीं हुई? आयोग ने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायतों को नजरअंदाज क्यों किया?’