दिल्ली सरकार के बाद पंजाब सरकार अगले हफ्ते केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है जी है ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) और नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) समेत विभिन्न मदों में केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के हिस्से का पैसा नहीं दिए जाने के खिलाफ राज्य सरकार अब आरपार की जंग में उतरने की पूरी तैयारी कर ली गई है। हालांकि इससे पहले यह भी फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस विवाद को अदालत के बाहर ही निपटा लेने का प्रयास करेंगे।
विधानसभा सत्र में की थी केंद्र की निंदा
आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा के पिछले दिनों हुए सत्र के दौरान भी आरडीएफ और एनएचएम का पैसा जारी नहीं करने को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार की निंदा की थी. इस विधानसभा सत्र के दौरान हीं सीएम मान की तरफ से कहा गया था कि अगर केंद्र सरकार पंजाब के बकाया फंडो का भुगतान नहीं करेंगी तो वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. वहीं अब मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की माने तो पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला ले लिया है. लेकिन उससे पहले सीएम मान पीएम मोदी से मिलने वाले है. जिसको लेकर पीएमओ से समय मांगा गया है. लेकिन अभी मुलाकात का समय तय नहीं हुआ है.
5800 करोड़ रुपये बकाया राशि का इंतजार
पंजाब सरकार के आरडीएफ और एनएचएम के अलावा अन्य योजनाओं के केंद्र सरकार की तरफ से 5800 करोड़ रुपए बकाया है. जिसको लेकर सीएम मान से लेकर कई कैबिनेट मंत्री भी कई कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात कर चुके है. लेकिन उन्हें बार-बार सिर्फ आश्वासन दिया गया लेकिन केंद्र की तरफ से नई शर्तें लगाकर बकाया राशि जारी नहीं की गई. यहीं नहीं पंजाब सरकार की तरफ से इस सबंध में कई पत्र भी लिखे जा चुके है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया.
आपको बता दें पंजाब सरकार को केंद्र से विभिन्न योजनाओं और मदों के तहत 5800 करोड़ रुपये की बकाया राशि का इंतजार है। इसके लिए मुख्यमंत्री के अलावा विभिन्न विभागों के कैबिनेट मंत्री बार-बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं लेकिन उन्हें हर बार आश्वासन ही दिए जा रहे हैं या कई मामलों में केंद्र की तरफ से नई शर्तें लगाकर बकाया राशि रिलीज नहीं की जा रही है।
पंजाब सरकार की तरफ से इस संबंध में केंद्र को लगातार पत्र भी लिखे जा रहे हैं। इनमें आरडीएफ के 3600 करोड़ रुपये, एनएचएफ के 600 करोड़ रुपये, स्पेशल कैपिटल असिस्टेंट के 1600 करोड़ रुपये, जीएसटी के करीब 600 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार की तरफ बकाया है।