CAA Notification: देश में आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 11 मार्च, 2024 को देश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है.सीएए लागू होने से पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल सकेगी. केंद्र के इस फैसले से अब सियासत शुरु हो गई है.
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विपक्ष ने पीएम मोदी को घेरा..
सीएए को लेकर अब विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को घेरना शुरु कर दिया है.ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी इस पर भड़के हैं. सोमवार को उन्होंने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आड़े हाथों लिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट के जरिए तंज कसा और कहा कि संघियों को कागज (डॉक्यूमेंट्स) लेकर लाइन में खड़े होने का शौक है. उन्हें पहले चौकीदार (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में) से प्यार हुआ और अब शायद वे रद्दी वाले को दिल दे बैठे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी के एक्स पर किया पोस्ट
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के एक्स पोस्ट के मुताबिक, “संघियों को दो करोड़ नौकरियां नहीं मिली लेकिन इनको कागज लेकर लाइन में खड़े होने का शौक है. साल 2019 में चौकीदार से प्यार हुआ था और अब शायद रद्दी वाले को दिल दे दिया. जब देखो तब कागज मांगते रहते हैं.”एआईएमआईएम के मुखिया के इस रिएक्शन के बाद एक्स यूजर्स ने भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं. एक यूजर ने लिखा कि सीएए सिर्फ एक एजेंडा है. दूसरे यूजर ने कमेंट किया कि जनाब, आज रोस्ट के मूड में लग रहें हैं. उसके बाद एक यूजर ने लिखा- हिंदुत्ववादी संघियों से ज्यादा बड़ा अभिशाप कोई नहीं है.
कई विपतक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
सीएए को लेकर देश में पहले से ही काफी विवाद हो चुका है. वहीं इसका नोटिफिकेशन लोकसभा चुनाव 2024 का शेड्यूल आने से ऐन पहले जारी हुआ है. ऐसे में विपक्षी दलों की ओर से इस पर सवाल उठाए गए हैं.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सीएए नियम अधिसूचना भाजपा का ध्यान भटकाने का खेल है.
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि सीएए की अधिसूचना जारी करने का केंद्र सरकार का निर्णय देश विरोधी है. जनता लोकसभा चुनाव में इसका जवाब देगी. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने बताया कि संशय दूर करने के बाद सीएए को लागू किया जाता तो बेहतर होता. कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर की ओर से कहा गया कि सीएए की अधिसूचना सांप्रदायिक उद्देश्यों वाला विभाजनकारी कदम है.
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