नालंदा संवाददाता : वीरेंद्र कुमार
नालंदा : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा शिक्षकों के छुट्टी कटौती के विरोध में राजनीतिक गलियां में सियासी भूचाल मचा हुआ है। जिसकी झलक नालंदा जिले में भी देखने को मिल रही है। शनिवार को शिक्षकों के छुट्टी के कटौती के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिहार शरीफ के अस्पताल चौराहा पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला फूंककर अपना आक्रोश प्रकट किया।
पुतला फूका गया
इस दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि बिहार की सरकार सनातन धर्म का अपमान करने पर तुली हुई है। राज्य सरकार हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करती है। जिसे भारतीय जनता पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। इसी तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम का आज पुतला फूका गया है।
चुनाव में भुगतना पड़ेगा
भाजपा नेताओं ने सीएम और डिप्टी सीएम को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य की सरकार सनातन धर्म का अपमान करना बंद करें अन्यथा बीजेपी के कार्यकर्ता सनातन धर्म की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर ईट से ईट बजा देंगे। जनता सब देख रही है इसका खामियाजा सरकार को आने वाले दोनों चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
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हक के मांग के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे है हकदार
नालंदा संवाददाता : वीरेंद्र कुमार
नालंदा जिला के रहुई प्रखंड के उफरौल सुपासंग के निवासी नगीना मांझी के पुत्र जितेंद्र मांझी ने शनिवार को अंचलाधिकारी रहूई से अपने हक के जमीन की मांग करते हुए लिखित आवेदन देने गए लेकिन अंचलाधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे जिस वजह से उनका आवेदन जमा नहीं हो पाया और उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।आपको बता दे की लिखित आवेदन में उन्होंने लिखा था की उनके पास रहने को जमीन और मकान नहीं है वो आर्थिक रूप से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे है। इसलिए उन्हें सरकारी योजना के अनुसार लाभ दिया जाएं और उन्हें और उनके परिवार के रहने के लिए जमीन मुहैया कराया जाए।
वहीं मामले को लेकर रहूई अंचलाधिकारी रंजीत कुमार ने कहा की जितेंद्र मांझी का लिखित आवेदन मुझे नही मिला है लेकिन उनकी समस्या से मैं अवगत हूं इससे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना का आवेदन उन्हे पूर्व से ही मिल चुका है।
सरकारी जमीन मिलता है
जिसके तहत उन्हें जमीन मिल चुका है लेकिक उस जमीन पर कोई अन्य व्यक्ति अपना हक जता रहा है जिसको लेकर जितेंद्र मांझी द्वारा दूसरा जमीन की मांग किया जा रहा है। इसलिए उन्हें उस जमीन के आलावे दो अन्य जमीन दिखाया गया है लेकिन वो उन्हें पसंद नही है फिर भी हम लोग प्रयास कर रहें है की योजना से संबंधित कोई भी सरकारी जमीन मिलता है तो उन्हे दे दिया जायेगा।