Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और अन्य बीजेपी शासित राज्यों की सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने आज अहम टिप्पणी की है।सुप्रीमकोर्ट ने बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) पर बड़ा फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया कि,किसी के सपने के आशियाने को तोड़ना अवैध है सुप्रीमकोर्ट ने किसी के मकान को गिराने को गलत बताते हुए साफ किया कि,इस तरह का फैसला किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
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बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का सख्त रवैया
देश की सर्वोच्च अदालत ने राज्य सरकारों द्वारा अपराध के आरोपी की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर कार्रवाई (Bulldozer Action) पर फैसला सुनाते हुए कहा कि,कोर्ट ने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है जो व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं कानून का शासन यह सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा प्रदान करता है कि,लोगों को पता हो कि उनकी संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं छीना जा सकता।
परिवार की सुरक्षा छीनने की नहीं दी जा सकती अनुमति-SC
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में यह भी कहा कि,कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती है और ना ही वह खुद न्यायधीश बनकर किसी आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला कर सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि,सरकार का यह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता अधिकारी अपने मनमान ढंग से कार्य नहीं कर सकते बिना किसी सुनवाई के किसी को आरोपी नहीं करार दिया जा सकता जस्टिस गवई ने अपने आदेश में कहा,हर व्यक्ति के दिल में अपना घर होने की चाहत होती है घर किसी के परिवार सुरक्षा की सामूहिक उम्मीद है क्या कार्यपालिका को किसी आरोपी व्यक्ति के परिवार की सुरक्षा छीनने की अनुमति दी जा सकती है यह हमारे सामने सवाल है?
संविधान की धारा 142 के तहत जारी की नई गाइडलाइन
सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने मकानों के ऊपर बुलडोजर कार्रवाई (Bulldozer Action) को लेकर भारत के संविधान की धारा 142 के तहत नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा है…किसी के घर पर अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई से पहले समय दिया जाना चाहिए,मकान को तोड़े जाने से पहले मकान मालिक को नोटिस दिया जाना चाहिए,आरोपी और उसके परिवार की दलील सुने बिना कार्यवाही नहीं होनी चाहिए,अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन से पहले आरोपी को नोटिस रजिस्टर्ड कार्ड से भेजा जाना चाहिए साथ ही इस नोटिस की जानकारी संबंधित जिलाधिकारी को अवश्य दी जानी चाहिए।
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