उत्तर प्रदेश: आज भी हमारे देश में राजनीति की धुरी धर्म ही है. इस बार भी लोकसभा चुनाव के पहले सभी दलों को हिदुत्व की याद आने लगी है. जिसको लेकर सभी दल मंदिरों के चक्कर कांट रहे है. इसका उदाहरण भी सबने कुछ दिनों पहले देखा जहां अखिलेश यादव नैमिषारण्य थाम पहुंचे. तो वहीं सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ भी अब रामनगरी अयोध्या पहुचेगें.
मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को भाजपा की तरफ से भरतकुंड में सभा भी आयोजित है जिसको वो संबोधित करेंगे. बुधवार को मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर पुलिस लाइन के मैदान पर उतरेगा. उसके बाद वह विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करेंगे, फिर कार्यों के स्थलीय निरीक्षण के लिए निकलेंगे. सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम है. गुरुवार को सुबह हनुमानगढ़ी व रामजन्मभूमि में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम है.
उसके बाद भरतकुंड जाएंगे. सीएम के मिनट-टू- मिनट कार्यक्रम के आने का जिला प्रशासन को इंतजार है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लगभग तय मान मंडलायुक्त गौरवदयाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार व डीआइजी मुनिराज जी समेत प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने उन स्थलों को निरीक्षण किया, जहां मुख्यमंत्री के जाने की संभावना है.
भाजपा का अयोध्या से लगाव क्यों?
बीते पांच साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यदि किसी क्षेत्र पर सर्वाधिक केंद्रित थे, वह थी अयोध्या. शपथ लेने के साथ अयोध्या के विकास को नया आयाम और रामनगरी की पहचान विश्व पर्यटन केंद्र में लाने के लिए उन्होंने त्वरित योजना भव्य दीपोत्सव प्रारंभ किया. भगवान राम की विशाल प्रतिमा स्थापित करने की योजना प्रारंभ कर दी. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रारंभ करने के लिए तेजी से प्रयास किए और अयोध्या की कायापलट वैश्विक पर्यटन मानक पर करने की योजना भी क्रियान्वयन के स्तर पर ले आए.
अरबों-खरबों रुपए की परियोजनाओं की झड़ी लगा दी. अयोध्या की तरफ आने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन और सिक्सलेन की परियोजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ किया. अयोध्या की सीमा विस्तार और नगर निगम बनाने का काम भी किया था. बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने जितने फेरे अयोध्या के लगाए, उतने कहीं के नहीं लगाए.