NITI Aayog Meet: केंद्रीय बजट का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है। वहीं बजट के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष प्रकट किया है। उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया है। इसी संदर्भ में, कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी।
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ये मुख्यमंत्री बैठक में नहीं होंगे शामिल
कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्री 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। ये 4 मुख्यमंत्री है- सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (तमिलनाडु)। बता दें कि नीति आयोग की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली है, जिसका कांग्रेस के 4 मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा लेंगी।
बीती बैठक से भी दूर थे कई सीएम
2023 में गवर्निंग काउंसिल की हुई आठवीं बैठक से भी कई मुख्यमंत्री गायब थे। उसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममत बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तेलंगाना के तत्कालिन सीएम केसीआर, राजस्थान के तत्कालिन सीएम अशोक गहलोत और केरल के सीएम पिनारयी विजयन के नाम शामिल हैं।
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” यह बहिष्कार दुर्भाग्यपूर्ण है…”
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र ने विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्रीय बजट 2024 के विरोध में नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कांग्रेस और INDI गठबंधन के दल सार्वजनिक हित की बजाय व्यक्तिगत हित को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। नीति आयोग संघवाद विचार की संस्था है जिस पर विकास कार्यों की चर्चा की जाती है इसलिए यह बहिष्कार दुर्भाग्यपूर्ण है…यह बहिष्कार की राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है और नीति आयोग जैसी संस्थाएं जो गैर राजनीतिक होकर सहकारी संघवाद को बढ़ाने के लिए काम कर रही है उस पर यह बहिष्कार दर्शाता है कि ये लोग पूरी तरह जनता के विषयों को दरकिनार कर रहे हैं और सिर्फ अपनी राजनीति कर रहे हैं…”
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“ऐसा इन्होंने पहले भी किया है… -हरदीप सिंह पुरी
नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “ऐसा इन्होंने पहले भी किया है… ये जो हमारा बजट है यह केवल राज्य का बजट नहीं है बल्कि पूरे देश का बजट है। बजट को इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए कि हमने फरवरी माह की शुरुआत में अंतरिम बजट पेश किया था… ये(विपक्ष) लोग कहते हैं कि कुछ राज्यों को कुछ नहीं मिला। कुछ दिनों पहले पीएम मोदी महाराष्ट्र गए थे जहां उन्होंने मुंबई में 1 लाख करोड़ के विकास पैकेज की घोषणा की…”
तमिलनाडु के साथ धोखा हुआ है : स्टालिन
वहीं तमिलनाडू के सीएम स्टालिन ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में तमिलनाडु को सबसे बड़ा धोखा मिला है। उन्होंने बजट पर गहरा असंतोष जताया और कहा कि तमिलनाडु की जरूरतों और मांगों को लगातार नजरअंदाज किया गया है।
‘मैंने प्रधानमंत्री से बड़े भाई की भूमिका निभाने का आग्रह किया…’ रेवंत रेड्डी ने पूछा- आंध्र के लिए बजट तो तेलंगाना के लिए क्यों नहीं?स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडू के लिए वेल्फेयर स्कीम का बजट में कोई ज़िक्र नहीं है। तमिलनाडू के आर्थिक विकास के लिए बजट में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़क और परिवहन बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए राज्य के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया गया है। स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी।