दिवाकर त्रिपाठी
Loksabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने कारिंदों को लोकसभा फतह के लिए जमीन पर उतार चुकी है। पार्टियां अपने-अपने पैंतरों को अपनाने में कहीं से गुरेज भी नहीं कर रही हैं,वहीं देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी अब एक नई चाल चलती नज़र आ रही है। हमेशा हिंदू वोट के सहारे अपनी राजनीति को धार देने वाली पार्टी अब मुस्लिम चौपाल लगाती नज़र आएगी। भाजपा पर हमेशा से ही हिंदूवादी होने का आरोप लगाते हुए विपक्ष मुस्लिमों को साधने की कोशिश करता रहा है। कांग्रेस – बसपा से लेकर सपा तक खुद को मुस्लिमो का रहनुमा बताने की जीतोड़ कोशिश करते रहते हैं और मुस्लिम समुदाय अक्सर चुनावों को बाद खुद को ठगने की बात करता रहता है लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा अपने ऊपर लगने वाले इस आरोप को हटाने में जुटी हुई है।
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‘मोदी भाईजान’कार्यक्रम के जरिए मुस्लिम वोटर्स पर BJP की नजर
भाजपा पिछले एक साल से अकलियत के करीब आने की कोशिश कर रही है। लिहाजा भाजपा ने पहले तीन तलाक कानून और नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर काम किया तो बाद में मोदी भाईजान जैसे कार्यक्रमों को करके मुस्लिम महिलाओं को अपनी तरफ लाने की कोशिश की लेकिन अब बीजेपी एक कदम और आगे बढ़ाते हुए मुस्लिमो के बीच पैठ बनाने की कवायद में जुट गई है जिसके तहत पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा 4,100 से अधिक गांवों में ‘कौमी चौपाल’ का आयोजन करने जा रहा है इस आयोजन के तहत भाजपा मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जाकर अकलियत से संवाद स्थापित करेगी जिससे की 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी हैट्रिक लग सके।
पश्चिमी यूपी के मुस्लिम वोटर्स के लिए खास रणनीति
पश्चिम यूपी में मुस्लिम वोटर्स निर्णायक भूमिका अदा करते हैं और पिछली बार हुए लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान इसी क्षेत्र में हुआ था… इस बार अपने 80 सीट की जीत की दावेदारी ठोकते हुए बीजेपी ने पश्चिम के लिए खास प्लान तैयार किया है… क्योंकि यूपी में मुस्लमानों वोटिंग में अहम भूमिका निभाते हैं ऐसे में बीजेपी ने खास प्लान के तहत इस वर्ग में अपनी पैठ बनाने का मन बनाया है।आंकड़े बताने के लिए काफी है यूपी में मुस्लिमों का दबदबा रहता है, खासकर पश्चिम यूपी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है, यूपी के साथ साथ देश में भी मुस्लिम मतदाताओं का एक क्षत्र राज रहता है।
पश्चिमी यूपी में सपा से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 26 लोकसभा सीटों में से 19 पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को सात सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रही है…. देखना ये होगा कि बीजेपी अपने मंसूबों पर कितना कामयाब हो पाएगी।
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