गया संवाददाता- बिप्लव कुमार
जातीय जनगणना रोकने की भाजपा की थी साजिश,जातीय आधारित गणना के खिलाफ याचिका दायर करने वाले प्रमुख तीन याचिकाकर्ताओं के संबंध भाजपा से है।अब हाईकोर्ट की फैसले के कर रहे हैं समर्थन,:अभय कुशवाहा।
गया: जातीय गणना का रोक पटना उच्च न्यायालय ने हटा दी है। इससे नीतीश कुमार की बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। इस फैसले से विपक्ष पर लगातार हमला हो रहा है। विपक्ष के लोग भी पटना हाई कोर्ट की फैसले का समर्थन कर रहे हैं। गया जदयू जिलाध्यक्ष सह टिकारी के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने गया के जदयू कार्यालय में प्रेस वार्ता कर विरोधियों पर हमला बोला है। जदयू नेता अभय कुशवाहा ने कड़े शब्दों में कहा कि भाजपा ने साजिश के तहत जातीय गणना रोकने के लिए याचिका दायर करवायी थी। जातीय आधारित गणना के खिलाफ याचिका दायर करने वाले प्रमुख तीन याचिकाकर्ताओं के संबंध भाजपा से है।
अभय कुशवाहा ने बताया कि यूथ फॉर इक्वालिटी की स्थापना 2016 में ओबीसी को दिए गए आरक्षण के फैसले के खिलाफ की गई थी। इस संस्था का संबंध भाजपा से रहा है। बताया गया कि प्रो. संगीत कुमार रागी का संबंधन अमित शाह से लेकर भाजपा के बड़े नेताओं से रहा है। वे स्वयं को संघ का प्रचारक भी मानते हैं। इसी प्रकार प्रो. मक्खन लाल का संबंध आरएसएस और भाजपा के साथ रहा है।
भाजपा कर रही ढोंग: अभय कुशवाहा
जदयू नेता अभय कुशवाहा ने कहा कि भाजपा जाति गणना हि नहीं जन-गणना की भी विरोधी रही है। पहली बार ऐसा हुआ है जब दस वर्षीय गणना नहीं करायी गई है। वर्ष 2011 के बाद 2021 में गणना होनी थी। लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर इसे टाल दिया गया। दुनियां के 80 देशों ने अपने यहां गणना करा लिया लेकिन भारत में यह नहीं हो पाया।
अगर भाजपा की मानसिकता जाति गणना के पक्ष में थी तो क्यों नहीं अपने शासित प्रदेशों में जाति गणना कराने का फैसला लिया। बिहार में अगस्त 2022 में कैबिनेट की मंजूरी मिली। उस समय
बिहार भाजपा इसके समर्थन में सरकार के साथ खड़ी थी। जिसने बाद साजिश के तहत जाति गणना के खिलाफ याचिका दायर करवायी थी।
इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष जितेन्द्र दास, प्रदेश सचिव अरुण कुमार राव,जिला प्रवक्ता अवध बिहार पटेल, जिला महासचिव मितांबरा लोहड़े, मानपुर प्रखंड अध्यक्ष अजीत शर्मा, केके सिंह, कार्यालय प्रभारी आसिफ जफर आदि मौजूद थे।