Congress on EVM: लोकसभा चुनाव आने में बस कुछ ही महीनों का समय बाकी है, ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस ने EVM पर सवाल उठाए है. इससे पहले भी कई बार कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी EVM मशीन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था. अब जब लोकसभा चुनाव आने में कुछ ही महीनों का समय बाकी है, तो ऐसे में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने EVM मशीन की विश्वनियता को लेकर भाजपा पर सवाल खड़े किए है.
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भाजपा पर सवाल उठाए
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर से भाजपा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा कि अगर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (ईवीएम की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनी) में बीजेपी ऑफिस के पदाधिकारी और नॉमिनी डायरेक्टर हैं, तब क्या ईवीएम सुरक्षित हैं? क्या इस स्थिति में मुक्त और स्वतंत्र चुनाव हो सकते हैं? इलेक्शंस की पवित्रता को कौन बचाएगा? आखिरकार इस मसले पर भारतीय निर्वाचन आयोग, शांत क्यों है? बोलिए और लोकतंत्र बचाइए!
कांग्रेसी प्रवक्ता ने किया पोस्ट
आपको बता दे कि रणदीप सिंह सुरजेवाला सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते है. कांग्रेसी प्रवक्ता की ओर से यह पोस्ट ऐसे समय पर किया गया है, जब हाल में चुनाव आयोग को इस मसले को लेकर पत्र लिखा गया था. दरअसल, आर्थिक मामलों की खबरें देने वाली वेबसाइट मनी लाइफ डॉट इन ने 29 जनवरी की एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी रह चुके. सेवानिवृत आईएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा कि ईवीएम बनाने वाली कंपनी के 4 स्वतंत्र निदेशक बीजेपी से जुड़े रहे हैं. उन्होंने इसके साथ ही मांग की कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि बीजेपी से जुड़े इन व्यक्तियों को निदेशक पद से हटाया जाए.
चुनाव आयोग को लिखा पत्र
लेकिन चुनाव आयोग को लिखे पत्र में आखिर क्या था?पत्र में ईएएस शर्मा ने मांग की थी, “भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इसके द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण सार्वजनिक किया जाए. क्या बीजेपी से जुड़े पदाधिकारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले चला सकते हैं जो ईवीएम बनाती है.” ईएएस शर्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दो अन्य चुनाव आयुक्तों को पत्र लिखा है.इसी कड़ी में उन्होंने आगे लिखा कि बेल निदेशकों का बीजेपी से जुड़ा होना इस ओर इशारा करता है कि पार्टी कंपनी के कामकाज की निगरानी करती रही है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि आयोग ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है. उनके पत्र के मुताबिक कंपनी अधिनियम कहता है कि एक स्वतंत्र निदेशक को कंपनी के मामलों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. वैसे, उन्होंने बीजेपी के किन नेताओं के बारे में यह पत्र में लिखा है, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चला है. कुछ समय पहले निपटे विधानसभा चुनाव के समय भी मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने भी ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे.
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