UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मिली हार से भाजपा (BJP) को उबरना मुश्किल हो रहा है। हार के बाद पार्टी में समीक्षा बैठकें हो रही हैं। यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर हार की रिपोर्ट सौंपी है। हार के बाद अयोध्या में महंत राजू दास और डीएम नीतीश कुमार के बीच भी टकराव हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस हार के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की तैयारी चल रही है।
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केजरीवाल का दावा: योगी को हटाने की साजिश
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सबसे पहले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाने की बात उठाई थी। चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने भाजपा (BJP) पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी के सीएम को हटाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 75 साल के होने पर अमित शाह (Amit Shah) को पीएम बनाया जाएगा।
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भाजपा की अंतर्कलह का परिणाम
मोदी को ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो उनके कहे अनुसार काम करे और उन्हें कोई दिक्कत न दे। यूपी के अलावा महाराष्ट्र, झारखंड और राजस्थान में भी भाजपा के बीच अंतर्कलह देखी जा रही है। पिछले 10 सालों में भाजपा के सरकार चलाने के तरीके का दुष्परिणाम सामने आ रहा है। लखनऊ और वाराणसी की सीटों की टॉप सीक्रेट समीक्षा भी की जारी है।
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योगी पर मंडरा रहा खतरा?
योगी को साफ करने के लिए या लीपा-पोती करने के लिए समीक्षा चल रही है। अगर योगी को अभी नहीं हटाया जा रहा, तो विधानसभा चुनाव के समय हटाने की कोशिश होगी। योगी इकलौते ऐसे सीएम हैं, जो पीएमओ के निर्देशों का अपने अनुसार पालन करते हैं। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात की है। बंद कमरे में कम से कम आधे घंटे चली इस मीटिंग में मोहन भागवत ने क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक चुनावी रिपोर्ट ली थी।
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यूपी हार के बाद योगी पर गहराया संकट
उत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद भाजपा के भीतर अंतर्कलह और समीक्षा बैठकों का दौर जारी है। क्या योगी आदित्यनाथ की कुर्सी खतरे में है? यह सवाल अब जोर पकड़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के नतीजों पर नजर डालें तो भाजपा कुल 80 सीटों में से 75 पर लड़ रही पार्टी को 33 सीटें मिलीं। साल 2019 के चुनाव के मुकाबले यह 39 सीटों का घाटा है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी कुल 62 सीटों पर लड़ी और 37 पर जीत हासिल की। 2019 के मुकाबले ,सपा को 32 सीटों का फायदा हुआ।
वहीं कांग्रेस (Congress) 17 लीटों पर लड़ी और 6 सीटें जीती। उसे पांच सीटों का लाभ हुआ. इस चुनाव में बीजेपी का 44, सपा का 50 और कांग्रेस का 35 फीसदी स्ट्राइक रेट रहा। इसके अलावा भाजपा की हार की कुछ प्रमुख वजहें रही है जिसमें, टिकट बंटवारे में राज्य सरकार की लापरवाही, स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य ना करना, दलित-पिछड़ों को संविधान बदलने का डर इसके अलावा राजपूत-ब्राह्मण वोटर्स की नाराजगी और बंटवारा।