Dr. Kasturirangan passes away: देश ने खो दिया विज्ञान का अनमोल सितारा, डॉ. कस्तूरीरंगन का निधन, बेंगलुरु में ली अंतिम सांस भारत के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. के. कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को निधन हो गया। वह कुछ दिनों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उम्र संबंधी बीमारियों से भी प्रभावित थे। उनका निधन बेंगलुरु स्थित उनके आवास में सुबह करीब 11 बजे हुआ। डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
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भारत ने खो दिया अनमोल हीरा
उनके निधन से भारत ने एक ऐसे महान वैज्ञानिक को खो दिया है, जिसने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। डॉ. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में भारत ने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की। उनके कार्यकाल में कई महत्वाकांक्षी उपग्रह प्रक्षेपण सफल हुए और ISRO ने वैश्विक स्तर पर ख्याति अर्जित की। उनका योगदान न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में था, बल्कि उन्होंने शिक्षा और राष्ट्रीय नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
PM मोदी ने किया शोक किया व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा, “मैं भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूँ।
उनके दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
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CM योगी ने सोशल मीडिया पर पोस्टकर दिया संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने डॉ. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा… “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष, प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक, पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां प्रदान करने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान हेतु उनको सदैव याद किया जाएगा। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
डॉ. कस्तूरीरंगन का जन्म
डॉ. कस्तूरीरंगन का जन्म 24 अक्टूबर 1940 को केरल के एर्नाकुलम में हुआ था। उनके पिता, सी. एम. कृष्णास्वामी अय्यर और मां विशालाक्षी के परिवार से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उनका परिवार तमिलनाडु के त्रिशूर जिले के चालाकुडी में बस गया था। डॉ. कस्तूरीरंगन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केरल से प्राप्त की और इसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से उच्च शिक्षा ली।
ISRO में उनका कार्य
उन्होंने ISRO में अपनी सेवाएं दी और 1994 से 2003 तक ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल इसरो के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा दी और देश को अंतरिक्ष में अग्रणी बना दिया।
कस्तूरीरंगन की उपलब्धियां
कस्तूरीरंगन की प्रमुख उपलब्धियों में भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान-1, और मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक भेजा गया मंगलयान शामिल है। उनकी दूरदर्शिता ने भारत को अंतरिक्ष में विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया।
अंतिम यात्रा
उनकी अंतिम यात्रा 27 अप्रैल को होगी, जब उनका पार्थिव शरीर बेंगलुरु स्थित आरआरआई में रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।