बिहार के बीएड पास अभ्यर्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई आज की सुनवाई में शिक्षक अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है।
Bihar : सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के बीएड पास अभ्यर्थियों को लेकर सुनवाई हुई। बीएड कैंडिडेट्स को फिलहाल राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले को दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया है। वही जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इस पर उत्सुकता बनी हुई है। बिहार में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति का भविष्य इस सुनवाई पर टिका हुआ है। वही बता दे कि बीपीएससी ने सिर्फ डीएलएड पास उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है।
B.Ed कैंडिडेट्स की ओर से प्रशांत भूषण ने बताया…
दरअसल, जस्टिस बोस की बेंच ने अगस्त में दिए गए फैसले में NCTE के 2018 के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसके जरिये B.Ed केंडिडेट भी प्राइमरी स्कूल टीचर्स की नौकरी के लिए योग्य हो गए थे। इसी बीच B.Ed कैंडिडेट्स की ओर से प्रशांत भूषण ने बताया कि इस मामले मे उनकी ओर से भी याचिका दायर की गई है।
फैसला बिहार में लागू होगा या नहीं…
सुप्रीम कोर्ट का फैसला तब आया था जब बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। इस बीच ये मामला पटना हाईकोर्ट में भी पहुंचा। पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार ने दलील दी थी कि बीएड वालों को प्राइमरी टीचर नहीं बनाने का फैसला बिहार के संबंध में नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ये क्लीयर नहीं हो रहा है कि यह बिहार में लागू होगा या नहीं।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजर…
राजस्थान सरकार पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिहार सरकार की शिक्षक बहाली वैकेंसी भी फंस गई है। सरकार इस असमंजस में है कि बीएड अभ्यर्थियों का प्राइमरी के लिए रिजल्ट जारी किया जाएगा अथवा नहीं। सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश की।
कैसे उलझा मामला…
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान शिक्षक बहाली की सुनवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षक के लिए डिप्लोमाधारी को योग्य करार दिया है। इसके बाद बीएड पास कैंडिडेट की नियुक्ति अधर में लटक गई। राजस्थान को लेकर दिए गए फैसले के मुताबिक सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले अभ्यर्थी ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। इस नियम को बीपीएससी ने बिहार में भी लागू करने का फैसला किया है, जिसके कारण कई अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है।