Bihar Police: बिहार में पुलिस व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है। नीतीश सरकार ने राज्य में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति का ऐलान कर दिया है। निगरानी विभाग के डीजी आलोक राज को बिहार का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। गृह विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। आलोक राज अब 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के तौर पर राज्य की पुलिस व्यवस्था की कमान संभालेंगे। उनकी नियुक्ति 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी, जब तक कि बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न नहीं हो जाते।
आलोक राज की नई जिम्मेदारियां
इस बीच, पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। उन्हें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। इसके बाद, आलोक राज को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है और इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
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आलोक राज की नियुक्ति पर राजनीतिक नजरें
आलोक राज की नियुक्ति ने बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। पिछली बार, आलोक राज का नाम वरिष्ठता के बावजूद दरकिनार कर दिया गया था और आरएस भट्टी को डीजीपी बनाया गया था। इस बार, आलोक राज को डीजीपी पद पर नियुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से कदम उठाए हैं, जबकि अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर विचार नहीं किया गया। इस समय बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विपक्ष में है, और इससे संबंधित राजनीतिक समीकरण भी इस नियुक्ति पर असर डालते नजर आ रहे हैं।
वरीयता सूची में आलोक राज का प्रमुख स्थान
बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारियों की सूची में आलोक राज सबसे सीनियर अधिकारी हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर राजनीतिक चर्चाएं गर्म हैं। राज्य सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए स्थिर प्रशासनिक नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए इस कदम को उठाया है। इसके साथ ही, उन्होंने इस बात को भी सुनिश्चित किया कि चुनाव के समय कोई भी नियुक्ति विवादास्पद न हो।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव के समय रिटायर होने वाले अधिकारियों पर निर्भर रहना सही नहीं होगा। इस कारण से ही, आलोक राज की नियुक्ति की गई है, ताकि चुनावी समय में किसी भी प्रशासनिक संकट का सामना न करना पड़े। यह निर्णय प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह निर्णय सिर्फ प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लिया गया है, या इसमें कुछ राजनीतिक हित भी जुड़े हैं? यह देखना होगा कि आने वाले समय में इस नियुक्ति के क्या परिणाम सामने आते हैं।
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