खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए नए कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की घोषणा जल्दबाजी में की गई और उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। बता दे कि अब संजय सिंह अध्यक्ष नहीं रहेंगे और फिलहाल संघ के सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है।
WFI NEWS: देश के खेल मंत्रालय की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। संजय सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती महासंघ की नव निर्वाचित कार्यकारिणी को खेल मंत्रालय ने निलंबित कर दिया है। बता दे कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय ने चुनाव जीतने के बाद इसी साल उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थिति नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 की राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं कराने की घोषणा की थी। उसके बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
WFI के नए अध्यक्ष की मान्यता हुई रद्द…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खेल मंत्रालय ने WFI की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है। साथ ही नए अध्यक्ष की मान्यता भी रद्द की गई है। न्यूज एजेंसी ANI ने X पर जानकारी दी, नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह की ओर इस वर्ष के अंत से पहले नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया है।
21 दिसंबर को ही अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे संजय सिंह…
21 दिसंबर को अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में संजय सिंह ने 47 में से 40 वोट लेकर जीत हासिल कर ली थी। उन्होंने अनीता श्योराण को 33 वोटों से हराया था। प्रेमचंद लोचब ने महासचिव पद के लिए दर्शन लाल को 27-19 से हराया था। वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेन्द्र कार्तियान चुने गए, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में जय प्रकाश, करतार सिंह, असित कुमार साहा और फोनी चुने गए थे। महिला पहलवानों ने नए अध्यक्ष का विरोध जताया था।
सरकार ने बहुत सही निर्णय लिया, अच्छे लोग आने चाहिए: बजरंग
पहलवानों के प्रोटेस्ट का नेतृत्व कर रहे बजरंग पूनिया ने कहा, ‘यह निर्णय बिल्कुल सही लिया गया है। हमारी बहन-बेटियों के साथ गलत व्यवहार करने वालों का रेसलिंग फेडरेशन से सफाया होना चाहिए’। अपना पद्मश्री वापस लेने के सवाल पर बजरंग पूनिया ने कहा, ‘हम पर जातिवाद, क्षेत्रवाद के तमाम आरोप लगे। मैं बता दूं कि जब हम मेडल जीतते हैं तब हम देश के होते हैं। हम खिलाड़ी कभी जात-पात नहीं देखते। हम एक अखाड़े में रहते हैं, एक थाली में रोटी खाते हैं। कोई स्पोट्स बॉडी खिलाड़ियों की मदद करने के लिए बनाई जाती है, न की उन्हें दबाने के लिए। अच्छे लोगों को फेडरेशन में ले आइए, हम स्वागत करेंगे’।
कौन हैं संजय सिंह?
संजय सिंह पूर्व अध्यक्ष और महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह उत्तर प्रदेश के कुश्ती संघ और राष्ट्रीय कुश्ती संघ दोनों में पदाधिकारी रहे हैं। इसके अलावा वह 2019 में WFI की कार्यकारी समिति में संयुक्त सचिव भी चुने गए थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। ऐसे में उनके चुनाव जीतने से बृजभूषण का दबदबा बरकरार माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
जनवरी में एक नाबालिग सहित 7 महिला पहलवानों ने तत्कालीन WFI अध्यक्ष बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवानों पहले जनवरी और फिर अप्रैल में लंबा संघर्ष किया था। इस पर सरकार ने भरोसा दिलाया था कि बृजभूषण और उनके करीबी WFI में नहीं रहेंगे। इसके बाद भी हाल ही में हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। इससे पहलवानों में नाराजगी थी।