Mahadev Betting App : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है.
एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों के नाम FIR में शामिल है.अब माना ऐसा जा रहा कि,लोकसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल का इस तरह से नाम आने से कांग्रेस के लिए कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं.कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
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ED ने लगाए ये आरोप
पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि,महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी.इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था और अब जब राज्य की ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज किया है तो उसमें भूपेश बघेल को नामजद आरोपी बनाया गया है।
महादेव बेटिंग ऐप क्या है?
महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया ऐप था.जिसमें यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे.वहीं ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी होती थी.अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले.
इस ऐप से धोखाधड़ी करने के लिए एक पूरा ढांचा बनाया गया था.दरअसल,इस ऐप को कई ब्रांच से चलाया जाता था और हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे.यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा होता था और बाद में उन्हें नुकसान होने लगता था.फायदे का 80 प्रतिशत हिस्सा सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अपने पास रखते थे.सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है,जिसमें एल्गोरिदम ये तय करता है कि,ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही जीते।
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