Rahul Gandhi News: पिछले कई सालों से सत्ता से दूर रही कांग्रेस अब किसके लिए छटपटा रही है ? देश की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयासरत है. सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग का धरना हो या दिल्ली सीमा पर किसानों का प्रदर्शन….कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करती रही.कांग्रेस की यह छटपटहाट इस हद तक बढ़ गई है कि मुसलमानों और किसानों के जरिये मोदी सरकार को घेरने की नाकाम कोशिश के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बांग्लादेश के छात्र आंदोलन से प्रेरणा लेते हुए मोदी सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन छेड़ने का फार्मूला निकाला है.
मोदी सरकार और RSS पर उठाए गंभीर सवाल

आपको बता दे कि बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार का तख्ता पलटने में छात्र आंदोलन की मुख्य भूमिका थी.बांग्लादेश में छात्रों के उग्र आंदोलन ने कुछ ही समय में पूरे देश में अराजकता फैला कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. सोमवार को जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन से जुडे़ राजनीतिक दलों के छात्र संगठनों के प्रदर्शन में पहुंचे राहुल गांधी ने मोदी सरकार और आरएसएस को जमकर कोसा. राहुल गांधी ने आरोप लगाये कि भाजपा सरकार देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं को आरएसएस को सौपती जा रही है.
राहुल गांधी का छात्र आंदोलन का आह्वान
राहुल गांधीने कहा कि आज देश की सभी यूनिवर्सिटी में आरएसएस के वीसी है. राहुल गांधी ने छात्रों की कमजोर नस पर हाथ रखते हुए इसे बेरोजगारी से जोड़ दिया.राहुल ने कहा कि अगर शिक्षा तंत्र पूरी तरह से आरएसएस के कब्जे में चला गया तो फिर देश नहीं बचेगा.राहुल गांधी ने इसे देश के छात्रों के हितो पर प्रहार बताते हुए कहा कि वह छात्र हितो से समझौता नहीं करेंगे.राहुल गांधी यही नहीं रूके उन्होंने प्रदर्शन में मौजूद छात्रों को पूरे देश में इस तरह के आंदोलन करने का आह्वान किया और कहा कि वह छात्रों के सभी आंदोलनों में स्वयं पहुंचेंगे.
आखिर राहुल गांधी का मकसद क्या है ?

अब समझते है कि आखिर राहुल गांधी का मकसद क्या है ? इसके दो पहलू है… दरअसल, इंडिया ब्लाक के जितने भी राजनीतिक दल है, उन सभी के छात्र संगठन भी है… राहुल गांधी अपनी इस कवायद से कांग्रेस के लिए दो फायदे देख रहे है. पहला तो यह कि छात्र संगठनों को आंदोलित करके पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बना सकते है. दूसरा यह कि इंडिया ब्लाक में राहुल गांधी के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों का भी वह इस आंदोलन के जरिये जवाब दे सकते है और इंडिया ब्लाक में उठ रही अलगाव की बातों को भी विराम दे सकते है.