अब प्राथमिक ग्रेड यानि कि कक्षा 5वीं तक बीएड वाले टीचर नहीं बन पाएंगे, यानि कि अब 5वीं तक पढ़ाने के लिए सिर्फ डीएलएड स्टूडेंट्स को ही मौका दिया जाएगा,इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, दरअसल शीर्ष कोर्ट ने राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि केवल डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.EI.Ed) प्रमाणपत्र धारक ही प्राथमिक ग्रेड शिक्षक बनने के पात्र होंगे, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बीएड स्टूडेंट्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आपको बता दे शीर्ष कोर्ट के फैसले से 6.60 लाख अभ्यर्थियों को उनके यूपीटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि मामला कोर्ट में होने के चलते यूपी में टीईटी सर्टिफिकेट का वितरण रोक दिया गया था, UPTET-2021 इस साल 23 जनवरी को आयोजित किया गया था, जिसका रिजल्ट 8 अप्रैल को जारी किया गया था।
वही यूपीटीईटी की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में कुल 660592 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये थे, प्राथमिक स्तर की परीक्षा देने वाले 1147090 में से 6.91 लाख से अधिक बी.एड डिग्री धारक थे और 4.55 अभ्यर्थी डी.एल.एड के थे, परीक्षा नियामक प्राधिकरण के रिकॉर्ड के मुताबिक 2.20 लाख बीएड अभ्यर्थी और 2.23 लाख डी.एल.एड अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे।
इसी तरह उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा देने वाले 765921 में से 216994 उत्तीर्ण घोषित किया गया है, आपको बता दें कि कुछ डी.एल.एड अभ्यर्थियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय के बीएड धारकों को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के लिए अयोग्य ठहराने के फैसले के आधार पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है-
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजय किशनकौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी समेत मुकेश कुमार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. मनीष सिंघवी ने सरकार का पक्ष रखा. डिप्लोमा धारकों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अपना पक्ष रखा.
आपको बता दें दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के नोटिफिकेशन को वैध करार दिया. राजस्थान हाई कोर्ट ने उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था जिसमें बीएड डिग्री धारकों को कक्षा 1 से 5 तक के लिए पात्र माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा था। इसके साथ ही एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी खारिज कर दी गई.
क्या है पूरा मामला-
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के बीटीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है. वहीं दूसरी ओर बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. इस फैसले से राजस्थान के लाखों बीएड पास अभ्यर्थी भी प्रभावित होंगे. इस फैसले के बाद अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा लेवल-1 के लिए पात्र होंगे। इससे पहले NCPE ने भी B.Ed अभ्यर्थियों को लेवल-1 के लिए पात्र माना था.
एनसीटीई ने 2018 में एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था कि बीएड डिग्री धारक भी आरईईटी लेवल -1 के लिए पात्र होंगे। अगर बीएड डिग्री धारक लेवल-1 पास कर लेते हैं तो उन्हें प्लेसमेंट के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। राजस्थान में बीएड डिग्री धारकों को REET लेवल-1 में शामिल करने की मांग को लेकर बीटीसी डिप्लोमा धारक आंदोलन पर उतर आए. इसके बाद मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गया.