Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics) की शुरुआत से पहले ही फ्रांस में बवाल मच गया है। पहले फ्रांस के हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क को निशाना बनाते हुए जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की कोशिश की गई। इस घटना के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कई ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद देश के हाई-स्पीड नेटवर्क को कमजोर करना है।
रेल नेटवर्क पर हमले का असर
ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के कुछ घंटे पहले शुक्रवार यानी 26 जुलाई को फ्रांस के हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क पर हुए हमले के कारण बड़ी संख्या में यात्री प्रभावित हुए। इन हमलों में फ्रांस रेलवे की अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं हैं। इन लाइनों में लगी आग के कारण कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं और कई ट्रेनें लेट हो गई हैं। इस घटना से लगभग 80,000 यात्री प्रभावित हुए, जबकि देश में गर्मी की छुट्टियों के दौरान यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती है।
प्रधानमंत्री का बयान
प्रधानमंत्री गेब्रियल अट्टल ने इस हमले को ओलंपिक में बाधा डालने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं का मकसद सिर्फ देश को अस्थिर करना और खेलों के इस महाकुंभ को नुकसान पहुंचाना है। फ्रांस सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम होंगी और ओलंपिक का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होगा।
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ओलंपिक की सुरक्षा पर सवाल
पेरिस में रात 11 बजे ओलंपिक गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी है। इसका आयोजन 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक किया जाएगा। खेलों के इस महाकुंभ में 206 देशों के 10,500 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। भारत के 117 खिलाड़ी भी इस आयोजन में भाग लेने के लिए फ्रांस गए हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस को ओलंपिक के दौरान किले की तरह सुरक्षा दी गई है। कई वीआईपी समेत करीब 3 लाख दर्शकों के आने की उम्मीद है। ओलंपिक परेड में करीब 7,500 खिलाड़ी लगभग 85 नावों में सवार होकर सीन नदी के पार 6 किलोमीटर की यात्रा करेंगे।
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एसएनसीएफ प्रमुख का बयान
फ्रांसीसी रेलवे कंपनी SNCF के प्रमुख जीन-पियरे फरांडौ ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में बताया कि हमलावरों ने ड्राइवरों के लिए सुरक्षा जानकारी ले जाने वाले कई फाइबर ऑप्टिक केबल में आग लगा दी थी। उन्हें एक-एक करके ठीक करना है, यह एक मैनुअल ऑपरेशन है जिसके लिए सैकड़ों मजदूरों की जरूरत होती है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि नुकसान बहुत ज़्यादा है और इसे ठीक करने के लिए मरम्मत का काम सावधानी के साथ किया जाएगा।
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सुरक्षा पर खड़े होते गंभीर सवाल
ये हमला ऐसे समय में हुआ जब पेरिस ओलंपिक से पहले फ्रांस की राजधानी किले की तरह बनी हुई है। राजधानी पेरिस और ब्रिटेन की राजधानी लंदन के बीच रेल सेवाओंं को नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण सभी ट्रेनें रद्द कर दी गईं। कई वीआईपी और दर्शकों के आने की उम्मीद के बीच इस तरह की घटना सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
इस तरह की घटनाओं से साफ है कि ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी जा सकती। ऐसे समय में जब दुनिया भर के खिलाड़ी और दर्शक पेरिस में इकट्ठा हो रहे हैं, सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हालांकि, फ्रांस सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वे ऐसे हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि ओलंपिक आयोजन बिना किसी बाधा के संपन्न हो। ओलंपिक का उद्देश्य खेल भावना को बढ़ावा देना और देशों के बीच एकता को मजबूत करना है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं न केवल खेलों की भावना को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि देश की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाती हैं।