Parliament Special Session : भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ, जहां सफल आयोजन के बाद सभी की निगाहें 18 सितंबर से होने वाले संसद के विशेष सत्र पर हैं। वही केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले 17 सितंबर को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई जायेगी।

वही केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सत्र को लेकर एजेंडा साफ कर दिया है, उन्होंने कहा कि, “संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) आगामी 18 से 22 सितंबर के दौरान होगा, जिसमें 5 बैठकें भी होंगी। आपको बता दे कि, अमृतकाल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित किया गाया है। वही संसद के विशेष सत्र को लेकर विपक्ष लगातार नाराजगी जता रहा है। इस बीच सरकार ने विशेष सत्र से ठीक एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

विपक्षी गठबंधन इंडिया ने लिखा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र

वही विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने इस सत्र को लेकर कहा है कि वह 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग करना चाहता है, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कि बैठक का विशेष एजेंडा क्या है। दलसल कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि, 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। लेकिन सरकार के विशेष सत्र का एजेंडा हो सकता है भारत में आयोजीत जी20 शिखर सम्मेलन का सफल पूर्ण हुआ।
विशेष सत्र का क्या हो सकता है एजेंडा ?

-जी20 शिखर सम्मेलन से पहले से ही सभी की निगाहें संसद के विशेष सत्र पर हैं, जिसमें विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष से एजेंडा बताने की मांग कर रहा है. वहीं मोदी सरकार ने इस बात को यह कहकर टाल दिया कि सत्र का एजेंडा पहले से रखने की परंपरा नहीं रही है।
-आपको बताते चले कि, 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र के सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले एजेंडे को लेकर काफी चर्चाएं हैं, जिसमें माना जा रहा है कि इस सत्र में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर चर्चा हो सकती है और सरकार इस पर एक कानून भी बना सकती है।
-वहीं दूसरी ओर चर्चा देश के नाम को लेकर भी की जा रही थी कि सत्र का एजेंडा स्थायी रूप से देश का नाम इंडिया से भारत करने को लेकर होगा. हालांकि, अभी तक विशेष सत्र के एजेंडे पर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं।
-हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन और चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भी देश में काफी खुशनुमा माहौल है. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि सरकार इस अवसर का इस्तेमाल देश के सामने अपनी पॉजिटिव इमेज बनाने के लिए कर सकती है।