Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाया है. महाकुंभ मेला के प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी बनाने और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने महाकुंभ मेला जनपद नाम से एक अस्थायी जिला गठित किया है.च यह नया जिला चार तहसील क्षेत्रों के 67 गांवों को जोड़कर बनाया गया है और महाकुंभ के समापन तक यह अस्तित्व में रहेगा.
Read More: Lucknow News: गन्ना बकाया भुगतान पर किसानों का हल्लाबोल, गोमती नगर स्थित बजाज भवन को घेरा
महाकुंभ मेला जनपद का गठन
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला के आयोजन के लिए प्रयागराज जिले के तहसील सदर, सोरांव, फूलपुर, और करछना को जोड़कर एक अस्थायी जिला गठित किया है. इस अस्थायी जिले में सभी प्रशासनिक कार्य सामान्य जिलों की तरह ही संचालित होंगे. इसमें जिलाधिकारी (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), और अन्य विभागों के पदों का निर्माण किया गया है. इस कदम से महाकुंभ मेला आयोजन की प्रशासनिक चुनौतियों को बेहतर तरीके से निपटाया जा सकेगा.
महाकुंभ मेला जनपद की अधिसूचना में कहा गया है कि यह नया जिला केवल चार महीने के लिए अस्तित्व में रहेगा, यानी महाकुंभ के आयोजन से लेकर उसके समाप्त होने तक ही यह जिले का दर्जा बनाए रखेगा. उसके बाद, यह अस्थायी जिला स्वतः समाप्त हो जाएगा.
सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम
इस अस्थायी जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस थानों और चौकियों का गठन किया जाएगा. इसके अलावा, प्रशासन को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी और अधिकारियों के तौर पर आवश्यक अधिकार दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति में तत्काल निर्णय लिया जा सके। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि महाकुंभ मेला सुचारू रूप से संपन्न हो और किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था न हो.
इस अस्थायी जिले में तहसील सदर के 25 गांव, तहसील सोरांव के 3 गांव, तहसील फूलपुर के 20 गांव और तहसील करछना के 19 गांव शामिल किए गए हैं. इन सभी गांवों को महाकुंभ मेला जनपद के तहत लाया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में समन्वय और सुगमता बनी रहे.
कब से कब तक लगेगा मेला ?
महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा, जिसमें छह शाही स्नान होंगे. इस दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है. महाकुंभ मेला जनपद (Maha Kumbh Mela district) के गठन से न केवल आयोजन के प्रशासन में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और जनहित कार्यों में भी तेजी आएगी। इस अस्थायी जिले के गठन के साथ उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या अब 75 से बढ़कर 76 हो गई है. यह कदम महाकुंभ मेला आयोजन को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा.