Bangladesh Violence: बांग्लादेश (Bangladesh) में पिछले पांच महीनों से बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं जो कि रुकने का नाम नहीं ले रहे है। इसी विरोध के चलते हिंदू संत चिन्मय दास (Chinmay Das) को राजद्रोह के मामले में जेल में डाल दिया गया है। इसी को लेकर पूरे देश में विरोध शुरु हो गया है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के अगुवाई में कई हिंदू संगठनों, भिक्षुओं और आम लोगों ने आंदोलन किया और बांग्लादेश की सीमा पर पहुंच कर जा रहे माल वाहनों को रोक लिया। इन सब के चलते बागंलादेश के कारोबार पर गहरा असर पड़ा। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अगर हिंदू संत चिन्मय दास को छोड़ा नहीं गया तो वह भारत-बांग्लादेश अंतराष्ट्रीय पेट्रोपोल पर 24 घंटे के लिए सारे मालवाहक वाहनों को रोक कर रखेंगे।
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हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों पर अत्याचार
बताते चले कि, जब से शेख हसीना बागंलादेश (Bangladesh) छोड़ कर भागीं है तब से बागंलादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय के लोगों पर अत्याचार होने शुरु हो गए। वहां के लोगों में डर का महौल बन गया है। महिलाओं के साथ बदसलूकी की जा रही है और लोगों को डराया धमकाया जा रहा है।
क्या बोले शुभेंदु अधिकारी ?
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने कहा कि अगर इस्कॉन के संत कृष्ण दास (Krishna Das) को रिहा नहीं किया गया तो वह अगले पांच दिनों के लिए पेट्रोपोल पर आर्थिक नाकेबंदी करेंगे और बड़े पैमाने पर आंदोलन भी करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस्कॉन के हिंदू संत कृष्ण दास को रिहा नहीं किया गया तो वह संत कृष्ण दास के तस्वीर वाले गुब्बारे को हवा में उड़ायेंगे। इसके साथ ही भाजपा के दूसरे बड़े नेता और पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने भी इस आंदोलन में हिस्सा ले लिया है। उनके साथ कई हिंदू संगठन, अखिल भारतीय संत समाज, राष्ट्रीय हिंदू जागरण मंच अपने हाथों में भारतीय झंडा और भगवा झंडे को लेकर बागंलादेश की सीमा पर पहुंच गये।
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डर के माहौल में जी रहे हैं बांग्लादेशी हिंदू
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदूओं के साथ बर्बरता और हिंसा किसी से छुपी नहीं है। उनके साथ हो रहे अत्याचार ने पूरे देश में गम का महौल बना दिया है। वहां के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है और कट्टरपंथियों के द्दारा हिंदूओं के पूजा पाठ पर भी रोक लगाया जा रहा है। यहां तक कि हिंदू महिलाओं के साथ बदसूलूकी की भी खबरे सामने आ रही हैं इसके साथ ही वहां के अल्पसंख्यकों को डराया धमकाया भी जा रहा है।
बांग्लादेश (Bangladesh) में करीब 1.31 करोड़ हिंदू रहते हैं और यह देश की आबादी का कुल 7.96 प्रतिशत है। उनके साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ कोलकाता और अगरतला के डॉक्टरो नें बड़े समूह में बांग्लादेशी मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया।
ममता बनर्जी ने की शांति की अपील
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बांग्लादेश (Bangladesh) में हो रहे हिंसा को लेकर पीएम मोदी से शांति की अपील की है और कहा है कि पीएम मोदी इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठानी चाहिए और शांति की अपील करना चाहिए। ममता ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हिंदूओं पर अत्याचार निंदनीय है और यह बर्दाशत नहीं किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि वह दूसरे देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती हैं।
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