Donald Trump Warns BRICS: अमेरिका के के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने तीखे बयानों से एक बार फिर वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है. इस बार उन्होंने ब्रिक्स देशों पर निशाना साधा है, जिसमें भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, ईरान, यूएई और इथियोपिया शामिल हैं. ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे अमेरिकी डॉलर की जगह नई करेंसी लाने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
ब्रिक्स देशों के लिए ट्रंप का संदेश

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने बयान में साफ किया कि, ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर कोई नई करेंसी लाने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी लाते हैं, तो उन्हें 100% टैरिफ देना होगा. इसके अलावा, वे अमेरिका में अपने उत्पाद नहीं बेच पाएंगे. कोई चांस नहीं कि ब्रिक्स, डॉलर को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रिप्लेस कर सके.”यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को कम करने के लिए अपनी संयुक्त मुद्रा पर विचार कर रहे हैं. हाल ही में ब्रिक्स समिट के दौरान भी इस विषय पर चर्चा हुई थी.
भारत पर ट्रंप की चेतावनी का असर

आपको बता दे कि, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की चेतावनी का भारत पर गहरा असर पड़ सकता है. भारत ब्रिक्स का एक अहम सदस्य है और अमेरिका का एक बड़ा व्यापारिक भागीदार भी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच 118.3 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ. हालांकि, चीन इस दौरान भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है, लेकिन अमेरिका अभी भी दूसरे स्थान पर है. यदि डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लागू करते हैं, तो भारत-अमेरिका के बीच आयात-निर्यात महंगा और मुश्किल हो जाएगा. भारत, जो प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और व्यापार में अमेरिका पर निर्भर है, को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है.
ब्रिक्स की नई मुद्रा का विचार

बताते चले कि, ब्रिक्स (BRICS) देश, विशेष रूप से रूस और चीन, अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए एक संयुक्त मुद्रा की योजना बना रहे हैं. हालांकि, भारत इस विषय पर अभी तक सतर्क है और उसने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. ब्रिक्स के विस्तार के बाद अब इसमें 9 स्थायी सदस्य हैं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और यूएई भी शामिल हैं. ट्रंप ने ब्रिक्स के इन प्रयासों को सख्त चेतावनी देते हुए इसे अमेरिका के आर्थिक हितों के खिलाफ बताया है.
वैश्विक व्यापार और आर्थिक प्रभाव
ट्रंप (Donald Trump) का यह बयान न केवल ब्रिक्स देशों के लिए बल्कि वैश्विक व्यापार के लिए भी चिंताजनक हो सकता है. अगर ब्रिक्स देश नई करेंसी लाने का प्रयास करते हैं और अमेरिका उस पर टैरिफ लगाता है, तो इसका सीधा असर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर पड़ेगा. भारत जैसे विकासशील देश, जो अमेरिका और रूस दोनों के साथ व्यापारिक संबंध रखते हैं, के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है. भारत को इस स्थिति में संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत होगी.
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ट्रंप का बयान: चुनावी राजनीति या गंभीर इरादा ?

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का यह बयान आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखकर भी देखा जा रहा है. हालांकि, अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह रुख कितना व्यावहारिक रूप से लागू किया जाएगा. ट्रंप की यह धमकी केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार और कूटनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है. अब यह देखना होगा कि ब्रिक्स देश और खासतौर पर भारत इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं.