Bahraich Bulldozer Action: बहराइच में अवैध निर्माण को लेकर चल रही बुलडोजर कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) की लखनऊ बेंच ने 15 दिन की रोक लगा दी है। पिछले शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 23 मकानों पर अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया था और तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। सोमवार को यह समय सीमा खत्म हो रही थी, लेकिन हाईकोर्ट की इस रोक के बाद अब कार्रवाई 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई तक टल गई है।
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई याचिका
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब बहराइच हिंसा से जुड़े तीन आरोपियों और उनके रिश्तेदारों ने सुप्रीम कोर्ट में भी बुलडोजर एक्शन रोकने के लिए याचिका दाखिल कर दी। याचिका में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी भी शामिल है। 13 अक्टूबर को बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद PWD ने 23 घरों पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया था और नोटिस चिपका दी थी। आरोप था कि ये मकान अवैध अतिक्रमण के तहत आते हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम परिवारों के हैं। इन घरों को तीन दिन का समय देकर खाली करने का आदेश दिया गया था।
किसानों और फेरीवालों के घरों पर कार्रवाई
बहराइच हिंसा (Bahraich violence) से जुड़ी इस बुलडोजर कार्रवाई पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहले से दाखिल एक याचिका में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि जिन 23 घरों पर नोटिस जारी की गई है, उनमें ज्यादातर किसान और फेरीवालों के मकान हैं, जो 10 से 70 साल पुराने हैं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इतने पुराने घरों को अवैध बताकर गिराना अन्याय होगा। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि मात्र तीन दिन का समय देकर कानूनी कार्रवाई से बचने का प्रयास किया जा रहा है।
हिंदू-मुस्लिम मकानों पर निशाना
PWD द्वारा जारी नोटिस में 23 मकानों को अवैध अतिक्रमण बताया गया था, जिनमें 20 मुस्लिम और 3 हिंदू परिवारों के घर शामिल हैं। तीनों हिंदू मकान एक ही परिवार के सगे भाइयों के हैं। आज, यानी सोमवार को, इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाना था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर फिलहाल 15 दिन की रोक लगा दी है।
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बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर पहले भी सवाल उठाए जा चुके हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस नीति पर सरकार को फटकार लगाई थी। बहराइच हिंसा के बाद जारी इस बुलडोजर कार्रवाई को लेकर पहले से दाखिल याचिका में अब हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर रोक की मांग की गई है। इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 दिनों तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है और मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को तय की है।
न्यायिक संरक्षण के बावजूद चिंता जारी
हालांकि हाईकोर्ट की रोक से प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिली है, लेकिन यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जिससे इसे और अधिक कानूनी महत्व मिल गया है। 23 मकानों में शामिल परिवारों ने बुलडोजर कार्रवाई को अवैध बताते हुए इसे चुनौती दी है। इस बीच, पूरे मामले पर राजनीति भी गरमाती जा रही है, और सभी की नजरें 23 अक्टूबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं। बहराइच में बुलडोजर एक्शन फिलहाल कोर्ट के आदेश से रुका हुआ है, लेकिन यह मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है। प्रभावित परिवारों और स्थानीय निवासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब देखना होगा कि 23 अक्टूबर को न्यायालय में क्या फैसला आता है और इस मुद्दे पर सरकार का क्या रुख होता है।