Baghpat News: रविवार सुबह नगर पालिका के सफाईकर्मियों ने ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हवेली तिराहे पर कूड़ा डालकर विरोध जताया। कर्मचारियों ने प्रशासन पर उनकी शिकायतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और सामूहिक धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी। प्रदर्शन के दौरान “इस्लाम जिंदाबाद” के नारे भी लगाए गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने सफाईकर्मियों को समझाकर किसी तरह मामले को शांत कराया।
20-25 साल से काम कर रहे सफाईकर्मियों को नोटिस दिए बिना हटाया
सफाईकर्मी अजय, राकेश, धर्मेंद्र और विमलेश समेत अन्य ने बताया कि वे पिछले 20-25 सालों से नगर पालिका में कार्यरत हैं। हाल ही में सफाई कार्य का ठेका लोनी के एक ठेकेदार को दे दिया गया, जिसने नोटिस दिए बिना ही उन्हें काम से हटाने की धमकी दी। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार ने महिला सफाईकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
प्रशासन की अनदेखी से बढ़ा गुस्सा
सफाईकर्मियों ने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ शिकायत के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। इसी उपेक्षा से नाराज होकर उन्होंने धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वाल्मीकि समाज के लोग सामूहिक रूप से इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर होंगे।
डूडा कार्यालय में किया प्रदर्शन
शहर के एक्सचेंज रोड स्थित डूडा कार्यालय परिसर में सफाईकर्मियों ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी। सफाई नायक सतीशचंद के नेतृत्व में जुटे कर्मचारियों ने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए। कंपनी ने कर्मचारियों को दिन में दो बार उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया है, जिससे उनका काफी समय बर्बाद हो रहा है। समय परिवर्तन के कारण कर्मचारियों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत हो रही है। कर्मचारियों को सप्ताह में कोई अवकाश नहीं दिया जाता और त्योहारों की छुट्टियों के पैसे काट लिए जाते हैं।
सफाई व्यवस्था भी बाधित
सफाईकर्मियों का कहना है कि जिला मुख्यालय पर रोजाना आठ सफाईकर्मियों को बुलाया जाता है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी।
प्रदर्शन में जुटे कर्मचारी
इस प्रदर्शन में सुनीता, मुकेश, कविता, सागर, नवीन, हुकमचंद, सुशील, अमित, बबलू, मोहित, सुबोध, गौरव और विपिन समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे। उनका कहना है कि यदि उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन और तेज होगा। नगर पालिका प्रशासन के सामने यह एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। अब देखना होगा कि प्रशासन और ठेकेदार इस संकट का समाधान कैसे निकालते हैं।