Ayodhya Ram Mandir:अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के क्रम में सोमवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण आया जब मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना वैदिक विधि-विधान से की गई। यह आयोजन एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद खास माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए इसे भारत की सनातन संस्कृति के लिए एक अहम कदम बताया।
वैदिक मंत्रों का उच्चारण के साथ कलश स्थापना
सुबह 9:15 बजे से शुरू हुए इस पवित्र कार्य में प्रमुख ब्राह्मणों की उपस्थिति रही, जिन्होंने वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिखर पर कलश की स्थापना की। लगभग 10:30 बजे इस कार्य को पूरी तरह से संपन्न किया गया। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि “यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि आज कलश को मंदिर के गर्भगृह के शीर्ष पर स्थापित किया गया है, जिससे शिखर का कार्य पूरा हुआ।” उन्होंने बताया कि इस कार्य में सभी धार्मिक और सांस्कृतिक नियमों का पालन किया गया है, और यह मंदिर की संरचना को एक महत्वपूर्ण मुकाम पर ले आया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा… धार्मिक आस्था का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा। उन्होंने इसे ‘नए भारत’ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया और इस कार्य से जुड़े सभी व्यक्तियों की सराहना की। उनका मानना है कि यह मंदिर भारत की सनातन संस्कृति को पूरी दुनिया में मजबूती से स्थापित करेगा और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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मंदिर के शिखर पर ध्वजदंड की स्थापना
राम मंदिर निर्माण के बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी जानकारी दी कि यह ऐतिहासिक कार्य वैशाखी पर्व और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर किया गया। उन्होंने बताया कि अब मंदिर के शिखर पर ध्वजदंड की स्थापना की जाएगी, जो मंदिर निर्माण का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
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मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह
राम मंदिर निर्माण का कार्य 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ औपचारिक रूप से शुरू हुआ था। इसके बाद मंदिर का निर्माण कई चरणों में जारी रहा। अगस्त 2021 तक मंदिर की नींव भराई का काम पूरा हुआ, जबकि जनवरी 2022 में मंदिर का भूतल निर्माण शुरू हुआ। जून 2023 तक गर्भगृह का निर्माण भी पूरा हो चुका था, और दिसंबर 2023 में रामलला की मूर्ति की स्थापना की गई थी। 22 जनवरी 2024 को मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ।